Menu
blogid : 12313 postid : 584613

एक फ़रियाद ‘गुरुवर’ से

जिन्दगी
जिन्दगी
  • 70 Posts
  • 50 Comments

आपने पूज्य ‘गुरूजी कुमार आनंद रंजन जी महाराज’ के चरणों में समर्पित –

हम सबकी बस यही दुआ है, जीवन फूल सा खिल जाए,
दुनिया को चाहिए आज़ादी, मुझको कैद तुम्हारी मिल जाए| |

वचन जो आपका आ जाए, ख़ुशी अजब सी छा जाए,
बोल और कर्म हो ऐसे जिसको, देख सभी का मन खिल जाए
झुका जो तेरे दर पे सर, और कहीं न झुक पाए
दुनिया को चाहिए आज़ादी, मुझको कैद तुम्हारी मिल जाए |

बोल हों इतने मीठे हों कि स्वाद शहद का फीका हो
हों हालात जैसे भी लेकिन, सुन सभी का चित हर्षाए,
मुक्ति पर्व पर यही दुआ है, आपकी भक्ति हमको मिल जाए
दुनिया को चाहिए आज़ादी, मुझको कैद तुम्हारी मिल जाए |

मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी, विश्वास तनिक न कम हो,
चेहरा खिलता रहे हमेशा, जीवन में बेशक कितने गम हों
अँधा विश्वास हो ‘सतगुरु’ पर तो, सुख भी सारे मिल जाएँ
दुनिया को चाहिए आज़ादी, मुझको कैद तुम्हारी मिल जाए |

मुझको भी एक ओहदा चाहिए, फल दे जो वो पोधा चाहिए
हो घाटा न जिसमे थोडा, मुझको तो वो सौदा चाहिए
आपकी सेवादारी का ओहदा, ‘कांता’ को तेरे दर से मिल जाए
दुनिया को चाहिए आज़ादी, मुझको कैद तुम्हारी मिल जाए |

कांता गोगिया

‘कैद’ – गुरुवार के चरणों में स्थान

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply