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दिखाए कोई —–

जिन्दगी
जिन्दगी
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भटका है राह में दिल, मंजिल दिखाए कोई
मझदार में है कश्ती, साहिल दिखाए कोई
घबरा गया मेरा दिल, तन्हाईयों से यारों
शामो-गम में डूबी महफ़िल दिखाये कोई
मिल जाए अब चैन , दिल की यह आरज़ू है
देखें वफ़ा के जोहर कातिल दिखाये कोई
हमने जिसे भी देखा, हवास का भूखा देखा
हो जो वफ़ा का भूखा, दिल दिखाये कोई
यूँ तो हजारों देखे ख़ुशी में शामिल
हो जो किसी के गम में शामिल, दिखाये कोई |

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