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शायरी

जिन्दगी
जिन्दगी
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१. जब तक पर्दा खुदी का,
कैसे हो दीदार ?
पहले खुद को मार,
फिर हो उसका दीदार |

२. जल से करना सीखिए विघ्नों का प्रतिकार,
पत्थर को भी काटती जिसकी शीतल धार |

३- रीति जगत की यही है, पड़ता है जब काम,
उगते सूरज को ही करते सभी प्रणाम |

कान्ता गोगिया

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