Menu
blogid : 12313 postid : 603629

हथेलियों पर खुदी तकदीर

जिन्दगी
जिन्दगी
  • 70 Posts
  • 50 Comments

मैं जब भी जिंदगी से हताश हो जाती हूँ
तो उस अँधेरे में बेबस अपनी हथेलियाँ
टटोलती हूँ –
उस पर पड़ी आड़ी-टेड़ी रेखाओं में
तलाशती हूँ अपना भाग्य
कि अब क्या होगा ?
मैं जानती हूँ कि हथेलियों की रेखा नहीं,
हाथ की ताकत आदमी की तकदीर बदलती है |
मगर फिर भी हाथ पर नहीं,
हथेलियों की रेखाओं पर मुझे ज्यादा विश्वास है –
कि अब क्या होगा ?

-कान्ता गोगिया

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply