पत्थर फेंका किसी अनजाने ने सर से आ टकराया समय बीता – घाव भर गया | दिल तोड़ ड़ाला किसी अपने ने – जख्म गहरा हुआ मगर भर न पाया |
कान्ता गोगिया
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