Awara Masiha - A Vagabond Angel
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जो टूटे उजड़े खंडर को शानदार हवेली बताते है
हमें तो ऐतराज इसका नहीं ,
वह इतना झूठ क्यों फरमाते है
दिल में एक कसक सी उठती है
की भरी दोपहरी में ,
क्यों हमें वह चाँद की झलक दिखाते है
हम तो उनके सज़दे में सूरज को भी चाँद कह देते है,
पर इस बात से भी वह खुश नहीं होते,
फिर हम पर यह तोहमत लगाते है,
कि आप मौकाए दस्तूर पर ,
अक्सर हमें गिराते है…..
By
Kapil Kumar
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