सौदेबाज़ी Awara Masiha - A Vagabond Angel एक भटकती आत्मा जिसे तलाश है सच की और प्रेम की ! मरने से पहले जी भरकर जीना चाहता हूं ! मर मर कर न तो कल जिया था, न ही कल जिऊंगा !
हम भी तोड़ते है दिल उन्ही का ,
जो हमसे दिल लगाते है
लोग अक्सर काटते है सर उसी का ,
जो उनके आगे सर झुकाते है ….
हर कोई मोहब्बत की कद्र नहीं कर सकता
क्योकि मोहब्बत करने वाले
अक्सर गुमनामी में खो जाते है …..
मैं तुम्हे क्यों दोष दूँ
तुम्हारी इस बेग़ैरत का
आजकल तो लोगो में ईमान ही
बा मुश्किल से पाए जाते है …..
क्यों छिपकर बैठे हो चिलमन के
पीछे ओ हसीन
आजकल तो आशिकों के लिए
चिलमन भी खुद ही गिराए जाते है …
इसे मैं अपनी बदकिस्मती कहूँ
या अँधा जूनून
वह कुचलते है हर बार दिल मेरा,
फिर भी हम उनके कदमो में बिछए जाते है ….
यह मौसम नहीं है ठीक किसी से
इश्क़ फ़रमाने का
एक हम है उनकी मोहब्बत में
दिन रात में ग़ज़ल गाये जाते है ….
बदल चुकी है दुनिया और बदल गए है हसीन
ना पहले जैसी नज़ाकत
और ना ही दीखता वह नाजुक सा कमसीन
दिलरुबा अब आशिक के दिल में धड़कन नहीं बढ़ाती है
मुस्करा कर तिरछी नज़रों से तीर चलाये ,
उन्हें ऐसा कला कहाँ आती है …
मोहब्बत में अब सब कुछ दिखावा सा लगता है
जैसे मोहब्बत नहीं ,
दो लोगो में हो रही सौदेबाज़ी है ….
By
Kapil Kumar
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