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जी हां राहुल गांधी जी जो किसी दलित गरीब के यहां खाना खाने जाते हैं और वहां पर रुकते हैं किसी के लेख में लिखा हुआ था कि राहुल गांधी के लिए गरीब के घर जाने का वही मतलब है जैसे कि किसी गरीब का फाइव स्टार होटल में रुकना। उसके बाद भी राहुल गांधी नहीं रुकते हैं अपने मित्र को बुलाकर गरीबों का और मजाक उड़वाते हैं। उसके बाद उस गरीब को मिटाने की पूरी तैयारी अपनी सरकार से करवाते हैं। यह तो खानदानी असर है उनके नाना जी भी उनके संसदीय क्षेत्र में गरीबों को कभी अमीर की ओर न बढ़ा पाए और उनको सिर्फ वोट बैंक बनाया और उनको राहुल के लिए वोट बैंक बनाने के लिए गरीब ही छोड़ दिया। बाद में उस ही गरीब ने उनको अबकी चुनाव में सारा गुस्सा निकाल दिया। अगर गरीब के लिए कुछ करना चाहते हैं तो पहले वह अपने सरकार में जो घोटाले हुए हैं उन घोटालों में हड़पे हुए धन को लेकर के रोजगार परक साधन बनाकर देश के युवाओं को रोजगार देना चाहिए। तभी वह इस देश की गरीबी को खत्म कर सकते हैं।
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