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बिहार आँखों देखी : पुलिस उपाधीक्षक सुश्री निर्मला कुमारी का अदभुत कला कौशल

अमराई
अमराई
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कला ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल वरदान है और यह वरदान किसी ना किसी मात्रा में हम सब के अंदर मौजूद है। लेकिन कला को निखारना आसान नहीं होता, इसके लिए तपस्या करनी पड़ती है और निरंतर अभ्यास करना पड़ता है। कला का महत्व और भी बढ़ जाता है जब आप अपने दैनिक कार्य के अलावा अपने क़ीमती समय में कला को अहम स्थान देते हैं और हमेशा इसके किसी ना किसी रूप से जुड़े रहने की कोशिश करते रहते हैं।

बिहार राज्य का मधुबनी जिला मैथिली कलाकृतियों (मधुबनी पेंटिंग) के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। मैथिली लोक कला को विश्व स्तर पर ले जाने में मधुबनी क्षेत्र का अविस्मरणीय योगदान रहा है और समय के साथ यहाँ की महिलाओं के साथ पुरुष भी इस कला को और भी जीवंत बनाने में अपना उत्कृष्ट सहयोग देते आये हैं। मधुबनी कलाकृतियों को भारत के साथ विश्व के कई प्रमुख जगहों पर प्रदर्शन हेतु लगाया गया है, जो मिथिलांचल वासियों के लिए एक बड़ा सम्मान है।

ऐसी ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं बिहार के बेनीपट्टी अनुमंडल की DSP सुश्री निर्मला कुमारी। अपनी अद्भुत कार्यकुशलता के लिए सुश्री पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं और इनके अच्छे कार्यों की चर्चा यहाँ के बच्चे-बच्चे की जुबान से सुना जा सकता है। अपराधी, गुंडे-मवाली और छुटभैये बदमाश इनका नाम सुनकर ही काँपते हैं। इन्होंने समूचे इलाके में अपराधियों के ऊपर अपना मजबूत शिकंजा कसा हुआ है, जिस से अपराध की घटनाओं में काफी कमी आई है और आसपास धीरे धीरे शांति का माहौल बन रहा है। ये अपने पास आए किसी भी शिकायत में फर्क नहीं करती हैं और शिकायत को लेकर सच्चे और ईमानदार लोगों को ये कभी निराश नहीं होने देती। इनका व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति को सहज बना देता है और इसलिए लोग खुलकर अपनी परेशानियों को इनके सामने रख पाते हैं।

सुश्री निर्मला ने बेनीपट्टी आने के बाद यहाँ की क्षेत्रीय भाषा मैथिली जल्दी ही सिख ली, जिससे यहाँ के ग़रीब और पिछड़े लोगों की परेशानी को और भी आसानी से समझ सके और साथ ही यहाँ के नागरिकों को भी अपनेपन का एहसास होता रहे। इसके साथ ही साथ, इन्होंने मधुबनी पेंटिंग में भी खासी रूचि दिखाई है। अपने रोज के कार्य के अतिरिक्त इन्हें जब भी समय मिलता है, निर्मला जी मधुबनी कलाकृतियों पर अपना हाथ आजमाती रहती हैं और विभिन्न क्षेत्रीय एवं सांस्कृतिक दृश्यों को अपनी कलाकृतियो के जरिये दर्शाती हैं। इनकी पेंटिंग कुशलता की चर्चा यहाँ के अखबारों में भी अक्सर होती रहती है।

छठ पूजा, गोवर्धन पूजा, करवा चौथ, कृष्णा की बाल लीलायें, मिथिलांचल की शादी और सामान्य मैथिली कलाकृतियों का अद्भुत चरित्र चित्रण इनकी पेंटिंग्स में देखने को मिलती है। ये अपने दफ़्तर में आए किसी केस को कितनी बारीकी से देखती हैं, इनके उस व्यक्तित्व की झलक हर पेंटिंग में देखने को मिलती है। मैथिली कलाकृतियों की हर बारीकियाँ, जैसे की सूर्य अर्ध्य का तरीक़ा,मछली का शुभ होना और राम-सीता का केवट संवाद, उनकी कलाकृतियों में आसानी से समझा जा सकता है।

पेंटिंग्स के अलावा इनकी कचरा प्रबंधन(Waste Management) विषय पर भी बहुत अच्छी पकड़ है और अपने दफ्तर से लेकर घर तक बेकार चीज़ों को सजाकर इन्होंने उसे नायाब रंग रूप दिया है और हमेशा इस विषय पर शोध करती रहती हैं। इस विषय को सुश्री निर्मला आम जनता के बीच भी पहुँचाने की कोशिश करती रहती हैं ।  लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए ये सामाजिक कार्यो में रूचि लेती हैं और समय मिलने पर ग्रामीण विद्यालयों में  जाकर बच्चों  के बीच अध्यापन करती हैं और अपना समय उनके बीच बिताती हैं । वर्तमान में तम्बाकू उन्मूलन अभियान पर कार्य कर रही हैं और सभी को इनपर पूरा विश्वास है  कि तम्बाकू से होने वाली हानियों को यहाँ के लोगो को समझाने में अवश्य सफल होंगी।

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बेनीपट्टी अनुमंडल और इसके अंतर्गत आने वाले तमाम गाँव आज भी कई क्षेत्रों में पिछड़े हुए हैं और शहरी चकाचौंध को यहाँ के अधिकांश लोगों ने नहीं देखा है। किसान एवं मजदूर नागरिकों का जीवनयापन खेती और दिहाड़ी मजदूरी से चलता है और अधिकतर लोग आज भी अपनी बेटियों को प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे की पढाई करवाने में असक्षम हो जाते हैं। कई जगह लोगो में दूरदर्शिता नहीं है और यही वजह है वो अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित नहीं करते हैं। ऐसे में सुश्री निर्मला कुमारी का इस क्षेत्र में पदस्थापना लोगों के लिए एक प्रेरणा है। वो लोगों में एक विश्वास जगाने में सफल हुई हैं कि अच्छी शिक्षा-दीक्षा से ना केवल बेटे बल्कि उनकी बेटियाँ भी उनका नाम रौशन कर सकती हैं। पुलिस उपाधीक्षक सुश्री निर्मला कुमारी इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक वरदान बनकर आई हैं और इनके जैसी सुयोग्य, ससक्त, कर्मठ और ईमानदार बिहार की बेटी के ऊपर पूरे देश को गर्व होना चाहिए।

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