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जिंदगी झकझोड़े तो समझिए गुड सिग्नल

गोल से पहले
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एक हादसा, कई सबक – २

जब अंगूरों को निचोड़ा जाता है तो शराब बनती है, फूलों को निचोड़ा जाए तो सुगंध इकट्ठा होती है, ठीक उसी तरह जब आपको जिंदगी झकझोड़े तो मान लीजिए कि वक्त आपसे कुछ अच्छा निकालने वाला है, यह आपके लिए गुड सिग्नल जैसा है। तो समझ ही गए होंगे मेरा निशाना। जी हां, एक हादसा, कई सबक सीरीज को आगे बढ़ाते हुए कहना चाहता हूं कि हादसा झटके में व्यक्ति को एक पायदान से दूसरे पायदान पर पहुंचा सकता है, पहुंचा देता है। बस, हादसे को हादसा की तरह लेने की जरूरत होती है।

जो व्यक्ति तमाम उम्र यह नहीं सोच पाता कि हादसे क्या, कैसे और क्यों होते हैं, उन्हें एक हादसा हादसों की पूरी केमेस्ट्री और हिस्ट्री समझा देता है, एकरस जिंदगी के कई अर्थों को भी बता देता है। प्रेमचंद की कहानी अनमोल रत्न के पात्र सोजे वतन के दिलफिगार की भांति आप मैदान-ए-जंग में मातृभूमि के लिए शहीद हो रहे सैनिक के मुंह से निकले खून के आखिरी कतरे को दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण वस्तु, अनमोल रत्न समझ सकते हैं।

आप हादसे के शिकार हुए और शिकार हो नहीं गए तो सबसे बड़ा सबक जो आपके लिए है, वह यह है कि आप थोड़ा धीरे चलें। व्यक्तित्व विकास के लिए भी यह जरूरी है। स्लो एंड स्टडी विन्स द रेस पर अमल करने का सहूर देता है हादसा। आम तौर पर बचपन से ही कहीं न कहीं किसी न किसी के मुंह से यह सुनने को मिलता ही है – जल्दबाजी का काम शैतान का। इसका सही अर्थ हादसे के बाद समझ में आता है। यदि आप इस आलेख को पढ़ रहे हैं तो बिना हादसे के शिकार हुए समझ सकते हैं। समझ गए हों तो आइंदे हड़बड़ी में गड़बड़ी करना त्यागिए।

एक घर में चार बच्चे थे। बउआ थे, माता-पिता के दुलारे। कुछ नहीं करते। सब काम मां के जिम्मे था। उनकी मां न केवल उनके लिए खाना तैयार कर उन्हें समय से खिलाती, बल्कि घर की झाड़ू-बुहारू से लेकर उनके कपड़े साफ करने तक का जिम्मा उन्हीं के जिम्मे था। बच्चे बाबू साहब थे। निश्चित रूप से यदि यही अवस्था बनी रहती तो आगे चलकर वे बच्चे नकारा और काहिल ही साबित होने वाले थे, पर हादसा हुआ, मां कैंसर से मर गई। अब सबसे पहले उनके सामने आया भोजन का संकट। तो सब मिलजुल कर खाना बनाने लगे। और खाना ही क्यों, जरूरत का हर काम खुद करने की आदत उन्हें बालपन में ही पड़ गई। बाद में लड़के जिधर निकले, कामयाब रहे। कामयाबी की ललक मानो उनके जेहन पर मां की मौत के बाद से ही सवार हो गई। जारी …

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