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महान समाज सुधारक और नास्तिक ‘ पेरियार’ के जन्म दिवस पर उनको श्रद्धांजली
ई. वी. रामास्वामी ‘ पेरियार’ जन्म 17 सितम्बर 1879 में तमिलनाडु में पिछड़ी जाति में हुआ था । उन्होंने अपने जीवनकाल में ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ जबरदस्त सामाजिक औऱ राजनीतिक आन्दोलन चलाये। इसके लिये सवर्णों ने कई बार उनका अपमान भी किया। उन पर जूते, चप्पल फेंके गये। ब्राह्मणवादी व्यवस्था विरोधी संघर्षों के चलते उनको बार- बार जेल जाना पड़ा। लेकिन पेरियार ने इसकी परवाह किये बिना अपने संघर्षों को जारी रखा।
एक रूसी पत्रकार से उन्होंने साफ शब्दों में कहा था- ‘हमारे देश को स्वतंत्र हुए 17 साल बीत चुके हैं, लेकिन सच यह है कि यह आजादी सिर्फ ब्राह्मणों को ही मिली है।’ पेरियार द्वारा लगभग 95 साल की उम्र में दिए उनके एक भाषण का अंश इस प्रकार है ‘भारत की लगभग 97.25 प्रतिशत आबादी गैर ब्राह्मणों की है। सभी धर्मो के अनुयायी परस्पर भाई-बहन माने जाते हैं। सिर्फ हिंदू धर्म ही ऐसा है जिसमें सब बराबर नहीं है। ऊंची-नीची जाति के लोग हैं। यह सामाजिक अपमान हम कब तक झेलते रहेंगे।
इसी भाषण में उन्होंने अपने सामाजिक सिद्धांत सामने रखे थे- ईश्वर की समाप्ति, धर्म की समाप्ति, कांग्रेस का बहिष्कार, ब्राह्मणवाद का बहिष्कार।
पेरियार ने ‘ सच्ची रामायण’ लिख कर ब्राह्मणवाद और समाज विरोधी मानसिकता पर जम के प्रहार किया , इन्होने ईश्वर और मूर्ति पूजा जैसे पाखंडो के खिलाफ जम के प्रहार किया और खुद को नास्तिक घोषित किया ।
प्रेरियर की मुख्य शिक्षाए थी-
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1-सभी मानव एक है हमें भेदभाव रहित समाज चाहिए , हम किसी को प्रचलित सामाजिक भेदभाव के कारन अलग नही कर सकते ।
2- हमारे देश को आजादी तभी मिल गई समझाना चाहिए जब ग्रामीण लोग, देवता ,अधर्म , जाति ओर अंधविस्वास से छुटकारा पा जायेंगे |
3- आज विदेशी लोग दूसरे ग्रहों पर सन्देश ओर अंतरिक्ष यान भेज रहे है ओर हम ब्राहमणों के द्वारा श्राद्धो में परलोक में बसे अपने पूर्वजो को चावल ओर खीर भेज रहे है | क्या ये बुद्धिमानी है ?
4-ब्राहमणों से मेरी यह विनती है कि अगर आप हमारे साथ मिलकर नही रहना चाहते तों आप भले ही जहन्नुम में जाए| कम से कम हमारी एकता के रास्ते में मुसीबते खड़ी करने से तों दूर जाओ | .
5- ब्राहमण सदैव ही उच्च एवं श्रेष्ट बने रहने का दावा कैसे कर सकता है ?? समय बदल गया है उन्हें निचे आना होगा , तभी वे आदर से रह पायेंगे नही तों एक दिन उन्हें बलपूर्वक ओर देशाचार के अनुसार ठीक होना होगा |
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