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पंडित नेहरु- आलोचनाओ से आगे

आक्रोशित मन
आक्रोशित मन
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आज देश पंडित जवाहर लाल नेहरु जी के जन्म दिवस के अवसर पर धूम धाम से बाल दिवस समारोह मना रहा है , पहले कांग्रेस सरकार इसे मानती थी अब बीजेपी सरकार भी इसे बड़े समारोह के रूप में मना रही है।

वह बात अलग है की बीजेपी के लोग अब भी नेहरु जी को लेके उनके व्यक्तिगत और राजनेतिक जीवन के बारे में अच्छी राय नहीं रखते ,वे तरह तरह की आलोचनाये करते ही रहते हैं। पर इसके वावजूद बीजेपी के शीर्ष नेता नेहरु जी के जन्म दिन को भव्य तरीके से मना रहे हैं, शायद राजनैतिक फायदे के लिए?

खैर , जो भी हो लोग कितनी भी आलोचना करे पर यह बात तय है की नेहरु जी ने अपने समय में कई शानदार काम किये थे जिससे देश आगे बढ़ा था ,कुछ बानगी देखिये-

1- 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ था , हिन्दू मुस्लिम के दंगे देश भर में हो रहे थे , हालत बेकाबू थे उसे कड़ाई से रोकना हर एक के बस की बात नहीं थी।

2- देश की आजादी के समय साक्षरता मात्र 14-15% ही रही होगी , यानि सौ में से मुश्किल से 14-15 लोग ही अपना नाम सही से लिख पढ़ सकते थे , ऐसे अनपढ़ देश मे साक्षरता लाना कितना मुश्किल काम रहा होगा।

3- गरीबी इतनी थी की 70 % लोगो के तन पर कपडे नहीं होते थे और दस में से आठ को बमुश्किल से रोटी मिलती थी। ऐसे देश में सभी के लिए रोटी कपडा जुटाना कितना दुष्कर काम रहा होगा ।

4- कल्पना कीजिये उस भारत की जब देश आकाल, गरीबी, औपनिवेश ताकतों, के चलते देश बर्बादी के कागर पर था । दुनिया भर के देश भारत को कूड़े के ढेर की तरह समझ के इससे किनारा कर चुके थे , देश के राजनेताओ में ही आपसी विचार धाराओ का इतना टकराव था ।
ऐसे देश को अपने पैरो पर खड़ा करना कितना मुश्किल रहा होगा ।

5- गरीबी, निरक्षरता, विचारो का टकराव् आदि के चलते भी नेहरु जी ने 1948 में भाखड़ा बाँध जैसी बड़ी और जटिल परियोजनाओ के विचारो को मूर्त रूप दिया । बिना इस परियोजना के पंजाब की हरित क्रांति नहीं हो सकती थी और न ही पंजाब एक समर्द्ध राज्य बन सकता था,
भारत में हरित क्रांति के बीज नेहरु काल में ही बोये गए थे ।

6- नेहरु ही थे जिन्होंने विक्रम सारा भाई के साथ मिल के एक गरीब देश में जब इस्पात उत्पादन नगण्य था उस समय अन्तरिक्ष अनुसन्धान के लिए भारतीय राष्ट्रिय सिमिति के गठन की कल्पना की और उस समय परमाणु विज्ञान की अनिवार्यता के बारे में विचार किया।इसके चलते उन्होंने 1948 में
होमी जन्हागीर भाभा के नेतृत्त्व में परमाणु उर्जा आयोग का गठन किया ।
उन्होंने 1950 में राष्ट्रिय भौतिक प्रयोगशाला की नीव रखी बी।
वैज्ञानिक चिंतन को बढ़ावा देने के लिए कई वैज्ञानिक प्रयोगशालाओ का निर्माण किया ।

देश में बालको को विज्ञानं पढाना उन्होंने ही अनिवार्य करवाया।

ऐसे और कई उपलब्धिया रही हैं नेहरु जी की जो उस समय चुनौती पूर्ण रही और उसे पूरा करना हर एक के बस की बात नहीं थी, पर उनके विरोधियो द्वारा किये गए उनकी अलोचनाओ के शोर में दब के रह जाती है।

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