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तथाकथित आम आदमी पार्टी ने अनेक बड़े-बड़े वायदे करके दिल्ली वालों को मूर्ख जरूर बना दिया, लेकिन अब उसकी कलई खुलना शुरू हो गयी है. कहावत भी है कि आप सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं, कुछ लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख बना सकते हैं लेकिन सभी लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख नहीं बना सकते.
आआपा को सत्ता में आये हुए एक माह से अधिक समय हो गया है. इस अवधि में उसके द्वारा किये गए वायदे और उनकी वर्तमान स्थिति का हिसाब लगाया जा रहा है. इस हिसाब से स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने एक भी वायदा वास्तव में पूरा नहीं किया. कुछ को बिल्कुल नहीं किया और कुछ को आधा अधुरा किया है, वह भी अनेक किन्तु-परन्तु के साथ.
उदाहरण के लिए, 700 लीटर पानी के वायदे को ही लीजिये. यह वायदा करते समय उन्होंने कोई शर्त नहीं लगायी थी, लेकिन अब इसको 666 लीटर में बदल दिया है और यह शर्त भी लगा दी है कि अगर एक बूँद पानी भी इससे ज्यादा खर्च किया तो सारे पानी का पैसा देना पड़ेगा. क्या यह वादाखिलाफी नहीं है? वैसे अभी भी सबको पानी नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि इस वायदे को पूरा करने के लिए जिस तंत्र और साधनों की आवश्यकता होती है, वह उनके पास नहीं है.
इसी तरह बिजली बिल आधा करने का वायदा भी हवा में ही है. अब तो रोज 10 – 10 घंटे तक बिजली की कटौती भी की जा रही है. अगर यह कटौती जारी रही, तो बिजली बिल जरूर आधे हो जायेंगे और उनका वायदा जरूर पूरा हो जायेगा, भले ही दिल्ली वाले प्राचीन युग में पहुँच जाएँ और अँधेरा, सर्दी व गर्मी झेलते रहें.
अब केजरीवाल साहब एक नया शिगूफा लेकर आये हैं. उन्होंने अन्य पार्टियों के बे-ईमान नेताओं की सूची जारी की है. उन्होंने यह नहीं बताया कि यह सूची किस आधार पर बनायी गयी है और क्या इसके समर्थन में उनके पास कोई सबूत भी हैं? परिणामस्वरुप अनेक नेता जिनका नाम इस सूची में लिखा गया है उनको अदालत में घसीटने की धमकी दे रहे हैं.
इस सूची में शीला दीक्षित का नाम नहीं है, हालाँकि उन्होंने चुनाव से पहले उनके खिलफ 370 पेज का दस्तावेजी सबूत होने क दावा किया था. वे यह भी नहीं बता रहे हैं कि वे सबूत अब किधर गए.
कुल मिलाकर आआपा खुद ही अपनी कलई खोले दे रही है और जनता उसको सबक सिखाने के लिए तैयार है.
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