Posted On: 26 Oct, 2013 Others में
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दीपावली त्यौहार है रौशनी का , प्रेम का , एकता का , सदभावना का और उपासना का …रौशनी वो जो दिए जलाने से आती है , बिजली के उपकरणों से आती है और अँधेरा दूर भगाती है .. जिस वक्त हमारे चारो तरफ रौशनी होती है हमारी आँखों को सकून और दिल को तसल्ली मिलती है लेकिन जब ये दिए बुझ जाते है तो फिर अँधेरा हो जाता है …इसलिए अगर सभी अपने दिल मैं प्यार और सम्मान का दिया जला ले तो कभी अँधेरा नहीं होगा और सदा हर ओर से रौशनी आएगी ओर दीपावली सही मायने में मनाई जायेगी …. दीपावली पर उपहार देने का प्रचलन भी है जो अब प्रतिष्ठा का सूचक भी हो गया है लेकिन मेरे ख्याल से उपहार देना ही है तो उपहार में प्यार दे , इकरार दे ओर हो सके तो बार बार दे …..दीपावली पर लोग पटाखे जलाते है जिनका धुँआ ओर आवाज़ दोनों ही प्रदूषण को बढाती है एक से वायु प्रदूषण ओर दूसरे से ध्वनि प्रदूषण इस तरह प्रकृति को प्रताड़ित कर के हम जो त्यौहार मानते है वो कभी सार्थक नहीं हो सकता हमे तो प्रकृति को निखारने के लिए अपना सहयोग करना चाहिए क्योकि ”जब हरा भरा होगा संसार तभी सार्थक होगा त्यहार” दीपाली पर सभी अपने घरो की सफाई करते है दीवारो का रंग बदलते है लेकिन अपने ह्रदय को कोई साफ़ नहीं करता ह्रदय में तो उंच नीच का , बेटे बेटी का ,अपने पराये का ओर अनेक प्रकार का कचरा भरा है करना है तो वहाँ की सफाई करे बदलना है तो विचारो को बदले तभी होगी शुभ दीपावली ओर मंगलमय दीपावली ……….”दीपावली आई खुशिया लाई ..दिलो में जब जले प्यार के दिए …देख कर हर कली मुस्कुराई …सबको जब अपनाया हमने ….जीवन में खुशहाली आई ….आया बदलाव जब विचारो में ….हर तरफ से रौशनी आई ओर सब ने मिल कर ख़ुशी ख़ुशी खुशियो की दीपावली मनाई ”
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