Menu
blogid : 18250 postid : 776461

‘युद्ध या विकास’-असमंजस में सरकार

YOUNG INDIAN WARRIORS
YOUNG INDIAN WARRIORS
  • 53 Posts
  • 83 Comments

आज हमारी सरकार एक बड़े असमंजस में फंस गयी है, और उस असमंजस की पृष्टभूमि में एक ऐसा प्रश्न है, जिसने हर भारतवासी की नींद उड़ा रखी है
| जैसा की हम सभी जानते हैं, पिछले कुछ दिनों से भारत-पाकिस्तान सीमा पर भीषण गोलीबारी कि खबरे आ रही हैं | पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के साथ आतंकवादियों के साथ मिलकर एक बार पुनः युद्ध की ज्वाला भड़काने का प्रयास कर रहा हैं ! ख़बरों कि मानें तो, इस अगस्त माह में ही पाकिस्तान ७० से अधिक बार युद्धविराम का उल्लंघन कर चुका है, बदलें में भारतीय सीमा सुरक्षा बलों ने भी कड़ी जवाबी कारवाई कि है | पाकिस्तान के तरफ से कि जा रही गोलीबारी में सैन्य बलों के साथ-साथ, सीमा के आस-पास रहने वाले कई असैन्य जन (आम जन) भी मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं | लगातार गोलीबारी से आस-पास रहने वाले आम इंसान इस हद तक खौफजदा हैं की..एक कश्मीरी महिला का ह्रदय गति रुक जाने से निधन भी हो गया है | आस पास के गांवों के लोगों का जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है, घरों से निकल बंकरों में रात गुजारने को विवश है| स्पष्ट संकेत मिलता है की पाकिस्तान एक बार पुनः युद्ध के लिए आमदा है, उसकी हरकतें लगातार भारत को उकसाने का काम कर रही हैं | अपने इस प्रयास में पाकिस्तान सिर्फ सीमा पर माहौल ही नहीं बिगाड़ रहा है, अपितु कई असैन्य प्रयास भी कर रहा हैं | कश्मीरी अलगाववादियों के साथ पाक राजनयिक का मिलन हो या, ५७ बार भारत की तरफ से युद्धविराम तोड़ने का झूठा आरोप….कहीं न कहीं पाकिस्तान एक नए ‘कारगिल’ के लिए जमीन तैयार करने का ही प्रयास कर रहा है |
दूसरी तरफ आज भारत में एक ऐसी सरकार है जो एक नई ऊर्जा, नई उमीदों, नए सपनों, नई इरादों के साथ एक सशक्त और विकसित भारत का संकल्प लेकर सत्ता में आयी है | लोगों ने पिछले १० वर्षों के अप्रभावशाली शासन से तंग आकर ..एक जनक्रांति की भांति सरकार के विरोध में मतदान किया था | देश की जनता ने भाजपा को सरकार बनाने की जो ताकत दी, वह नई सरकार से उमीदों का प्रभाव दर्शाता है | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से लोगों की लाखों अपेक्षाएं जुडी हैं, …जनता को उमीद है की श्री नरेंद्र मोदी जी विकास की नई धारा का प्रवाह करेंगे, और उनके प्रभावशाली नेतृत्वा में देश आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक ..हर क्षेत्र में , हर स्तर पर विकास की तरफ अग्रसर होगा | स्पष्ट है कि जनता कि उमीदों का दबाव…सरकार के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती रहेगा, विशेषकर प्रधानमंत्री जी ने जो वादें, जो इरादें …चुनावी मंच से दर्शाएं है..उन्हें अपने संकल्प को हमेशा याद रखना ही होगा |
यहाँ हमें समझने कि आवश्यकता है कि ..एक तरफ एक ऐसी सरकार है जो विकास के एजेंडे के साथ सत्ता में आयी है, उसे हर हाल में विकास करना ही होगा , वहीँ हमारा पडोसी लगातार सीमा पर एक नए युद्ध कि पृष्टभूमि तैयार कर रहा है…उसे भी सबक सिखाना ही होगा | जब हम विकास कि बात करते हैं, विकास कि पहली शर्त है ‘शांति’ | इतिहास गवाह है कि जब भी युद्ध लड़ा गया है…संलिप्त देशों में भीषण आर्थिक संकट का दौर देखने को मिला है | युद्ध कि वजह से देश में अशांति और अस्थिरता का माहौल तैयार होता है, जिससे विदेशों व्यापार और विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी पूंजी निवेश बुरी तरह प्रभावित होता है, परिणामस्वरुप घोर आर्थिक संकट सामने आता है | आर्थिक संकट कि स्थिति में विकास कि सोचना भी बेमानी ही होती है…क्योकि स्थिति को सम्भालना ही बड़ी बात होती है | साथ ही युद्ध कि स्थिति में पर्यटन भी बुरी तरह प्रभावित होता है, जिससे आय का एक बड़ा स्रोत बंद हो जाता है | स्पष्ट है कि परिस्थितियां बिलकुल विपरीत हो रही हैं, …पाकिस्तान जिस तरह से हिमाकत कर रहा है..उसे सबक सिखाना भी आवश्यक लगता है….लेकिन इस प्रयास में देश एक बड़े आर्थिक संकट कि तरफ बढ़ जायेगा | पहले से ही कमजोर अर्थव्यस्था…बुरी तरह से चरमरा जाएगी | ऐसी किसी भी स्थिति से संभलने और विकास के लिए पुनः नयी ऊर्जा पैदा करने में ही २-३ वर्ष लग जायेंगे | इसमें कोई शक नहीं है कि हमारी नई सरकार बेहद ऊर्जावान है, और किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम है…लेकिन ये जादूगर भी नहीं है..जो हालात को फूंक मार के पलट देंगे |
कहीं न कहीं स्थिति बेहद विकट है,..जनता चाहती है कि पाकिस्तान को सही नसीहत मिले, लेकिन वही जनता 5 वर्ष बाद विकास के दावों का हिसाब भी मांगेगी | ‘मोदी सरकार’ को इस चुनौती का सामना करना ही होगा, उन्हें इसका हल ढूढ़ना ही होगा ….अपने आपको प्रभावशाली अंदाज में असमंजस कि स्थिति से बाहर लाना होगा | साथ ही हम सभी भारतीयों को सरकार के हर फैसले पर मजबूती के साथ खड़ा होना होगा….जिससे देश पर आने वाली किसी भी मुसीबत का सामना हमारी ‘सरकार’ मजबूत हौसले के साथ कर सके |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh