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बिसहडा के क़त्ल का बिहार कनेक्शन

मुक्त विचार
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क्या यह सिर्फ एक संयोग हैं कि उत्तर प्रदेश के दादरी कस्बे के पास बिसहडा गाँव में गाय को काटे जाने की अफवाह से जो कि आम बात है अचानक हिन्दू उस समय इतने ज्यादा भड़क गये जब बिहार में मोदी के लिए नाक का सवाल बना विधान सभा का चुनाव हो रहा है कि उन्होंने गुस्से में एक की जान ले डाली | सभी जानते है कि गौ कसी को लेकर हिन्दू मुसलमानों में लगभग हर जिले में तनाव की स्थिति बनी रहती है आए दिन गाय काटें जाने की बारदात होती है और उसमे मुस्लिम समुदाय के लोग पकडे जाते है इसलिए बिसहडा में उसी दिन गाय काटें जाने की अफवाह लोगो ने सुनी थी ऐसा नहीं माना जा सकता | बिसहडा के लोग देश के अन्य हिस्सों के लोगो की तरह यह अफवाह सुनने के पहले से ही अभ्यस्त रहे होंगे लेकिन दर्शाया ऐसे जा रहा जैसे यह उनके जीवन में पहली बार सुनी गयी अफवाह हो और वे उसके बाद अपने पर काबू न रख पाने कि बजह से दरिंदगी की हद तक खूंखार हो गये हो | दरअसल बिहार विधानसभा का चुनाव भा.ज.पा. के सफलता यज्ञ कि सिद्धि के लिए किसी म्लेक्ष की वली मांग रहा था और बेकसूर अखलाख इसी साजिश का शिकार बन गया | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस पर अभीतक कोई प्रतिक्रिया न आना इस साजिश की तस्दीक करता है | मोदी राजनैतिक सफलता की सोपानो पर अपने समर्थको की रक्त पिपासु भावनाओं को तृप्त करके आगे चढ़ना सीखे है | हालाकि अब उन्हें मुस्लिम देशो की यात्रा भी करनी पड़ती है जब वे किसी मुस्लिम राष्ट्र में होते है तो उनके भाषणों में इस्लाम का एक अलग चेहरा उभरता है लेकिन किसी को इसलिए गलत फहमी नहीं होनी चाहिए कि मोदी साहब इस्लाम को लेकर तनिक भी पसीजे है | इस्लाम के प्रति नफ़रत फैलाना उनकी राजनीति की खुराक है और घोडा घास से तो यारी कर नहीं सकता इसलिए उक्त खुराक से परहेज करके मोदी भी अपने राजनैतिक बजूद को वेमौत क्यों मरने दे
समाजवादी पार्टी भी कोई दूध की धुली नहीं है | इसमें एक बदतमीज आदमी है जिसका नाम मुहम्मद आजम खान है | आजम खान और भा. ज. पा. एक दूसरे के पूरक है | यह नगर विकास विभाग का बजीर भी है लेकिन अगर मुस्लिम शासको का ही इतिहास यह आदमी पढ़ लेता तो इसमें यह सलाहियत होती कि हुकूमत चलाने के तौर तरीके क्या होते है यह इसको मालूम होते लेकिन यह बजीर की बजाय अपने को किसी सम्प्रदाय विशेष के दबाव गुट के नेता के रूप में काम करता है | आजम खान ने यह भी नहीं सोचा कि प्रदेश की हुकूमत के नुमाइंदे हो कर अपने ही राज्य की घटना के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ जाने का बयान देने से उनकी और मुख्यमंत्री की कितनी फजीहत होगी दूसरी ओर मोदी के गुर्गों को समाज को बरगलाने के लिए कितना बड़ा हथियार मिल जायेगा |
किसी की भी आस्था को चोट न पहुचाने की आचारसहिता पर सख्ती से अमल हो एक सुव्यवस्थित राज्य में इस जरूरत से किसी को भी इनकार नहीं है बशर्ते आस्था वास्तव में हो | केवल दूसरे से लड़ने का बहाना तलाशने के लिए अपनी लिजलिजी और एक कोने में पड़ी आस्था को किसी अजायब घर से निकाल कर युद्ध छेड़ने का शंखनाद करना विघ्न कर्म है जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती | हिन्दुओ के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार के कारण हर रोज दर्जनों गाय बाजार में आवारा भटकने की वजह से पोलीथिन पेट में जमा हो जाने के कारण मरती रहती है | अगर गाय को पूज्य मानते हो तो उसे ढूध देना बंद करते ही क्यों भगवान् भरोसे खेतों में छोड़ आते हो जहा से वे किसी लालची हिन्दू के जरिये ही कसाइयों के यहाँ पहुच जाती है | हिन्दू धर्म खुद हिन्दुओ द्वारा ही उसकी ऐसीतैसी करने से कमजोर हुआ है | हमे हिंदुत्वा के उसूलों और अमल में मजबूती चाहिए हिन्दू सबसे आगे हो जायेंगे लेकिन ध्यान हिन्दू मर्यादाओ को उनकी बुलंदी तक ले जाने की बजाय मुसलमानों को दोयम हेसियत में करने पर है बाकी धर्म का रास्ता तो बहुत कठिन है उसपर चलने के लिए हमसे न कहिये साहाब |

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