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लोकतंत्र : देश व समाज कि समस्याएं 3 – भ्रष्टाचार

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भ्रष्टाचार आज देश की सबसे बड़ी समस्या है और कई बड़ी समस्याएं जैसे आतंकवाद,मंहगाई,अशिक्षा,अपराध आदि में इसी भ्रष्टाचार का ही सबसे अधिक योगदान है ।

यदि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आयें तो हम पायेंगे की हमारे आस पास के माहौल में भ्रस्टाचार इस प्रकार लिप्त है की शायद 24 घंटों में हम इसका सामना किसी न किसी रूप से करते ही रहते हैं
एक आम आदमी अपनी कार या बाइक से निकलता है तो हेलमेट लगाने के बावजूद उसे ये डर रहता है की कोई ट्रैफिक वाला उसे रोकके उगाही न करे ।
एक आदमी राशन कार्ड लेके जाता है तो राशन वाले से उसे पर्याप्त सामान ही नहीं मिल पाता ।
एक आम आदमी अपने घर में बैठा रहता है तो भी उसे अराजक तत्वों द्वारा दिन दहाड़े लूटे जाने का भय रहता है ।
एक आम आदमी कई बार लूटे जाने पर जिस पुलिस के पास जाता है उसे मालूम ही नहीं रहता है की अपराधी से एक हिस्सा उन पुलिस वालों को भी मिलता है यानी उसके साथ जो चोरी हुई उसमे पुलिस की शय थी और एक तरह से पुलिस भी शामिल थी ।
एक आम आदमी जब अपने ऊपर किसी गुंडे द्वारा अत्याचार की रिपोर्ट लिखाने जब पुलिस स्टेशन जाता है तो कई बार तो उसे ही अपराधी जैसा सुलूक सहना पड़ता है या फिर उससे भी पैसे मांगे जाते हैं ।
एक आम आदमी जब पढ़ाई पूरी कर लेता है तो उसे पता चलता है की सरकार ने रोज़गार का कोई प्रबंध नहीं रखा है?
एक किसान फसल पैदा करके भी कई बार भूखा सो जाता है क्यूँ ?
एक आम आदमी जब मंहगाई बढती हुई देखता है तो वो किसके आगे अपना दुखड़ा रोये ?आज उसने दो वक़्त की जगह एक वक़्त खाना शुरू कर दिया लेकिन
क्या ये एक वक़्त का भोजन भी सरकार उससे छीन लेगी ?
क्या हमे मालूम है कई शहरों में एक आम आदमी को घर की कहना बनाने की गैस 45 दिन में मिलती है और कई बार तो उसे ब्लैक में खरीदनी पड़ती है ।
एक आम आदमी जब आचे नंबर पाके किसी नौकरी में इंटरवीव को जाता है तो भी योग्य होने के बावजूद वो नौकरी किसी ऐसे व्यक्ति को दे दी जाती है जिसने घूस खिलाया हो ।

इस तरह से और भी बारीकी से हम देखेंगे तो पता चलेगा की ये सिर्फ भ्रष्टाचार का मुद्दा ही इतना व्यापक है और आम आदमी इसमें जकड़ा हुआ है की जो बाकी मुद्दे अथार्त समस्याएं हैं जो की पिछली पोस्ट में लिखी गयीं थी उनके बीच में इस आम आदमी की क्या दशा है ।
ये आम आदमी को हम थोड़ी राहत भ्रष्टाचार को कम करके दे सकते हैं और इसके लिए अपने अपने क्षेत्र में हमे दिल से इमानदार रहना है,रहना होगा और इमानदारी का आदर करना चाहिए क्यूंकि हम भी आम जनमानस का ही हिस्सा हैं ।

आईये अब चलते चलते थोडा बड़े लेवल के उस भ्रष्टाचार का भी अवलोकन कर लें जिसमे जो घोटाले का पैसा है वो उसी नीचे लेवल के आदमी का है जिसे हम आम आदमी कहते हैं ये जनता की ही खून पसीने की कमाई थी जिसे हडपा गया और जिसके कारण एक आम आदमी को इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
कि वो दो जून के निवाले को तरस गया है ।
कहीं मैंने पढ़ा और मुझे ये बहुत ज़रूरी लगा तो शेयर कर रहा हूँ ।

आजादी के बाद से लेकर अब तक प्रमुख घोटोले-

– जीप घोटाला (1948) वी.के. कृष्णा मेनन (आजाद) भारत का पहला घोटाला।के सचिव फंसे)।

– मुद्रा मैस घोटाला (1956) टीटी कृष्णामाचारी व हरिदास मुद्रा (फिरोज गांधी ने किया खुला

– सायकल आयात इंपोर्टस घोटाला (1951) एस.ए. वेंकटरमन। (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सा] फंसे वित्त मंत्री)

– 1956 बीएचयू फंड घोटाला] आजाद भारत का पहला शैक्षणिक घोटाला।

– तेजा लोन (1960)।

– कैंरों घोटाला (1963) प्रताप सिंह कैंरों (पंजाब)। (आजाद भारत में मुख्यमंत्री पद के दुरूपयोग का पहला मामला)।

– पटनायक घोटाला (1965) बीजू पटनायक।

– नागरवाला कांड (1971) इंदिरा गांधी (दिल्ली के पार्लियामेन्ट स्ट्रीट स्थित स्टेट बैंक शाखा मे लाखों रूपये मांगने का मामला इसमे इंदिरा गांधी का नाम भी उछला)।

– मारूति घोटाला (1974) इंदिरा गांधी संजय गांधी।

– कुओ आइल डील (1976) इंदिरा गांधी संजय गांधी (आईओसी ने ह्यंगकांग की फर्जी कम्पनी के साथ डील की] बड़े स्तर पर घूस का लेनदेन)।

– अंतुले ट्रस्ट (1981) एआर अंतुले।

– बोफोर्स घोटाला (1987) राजीव गांधी।

– एचडीडब्ल्यू सबमरीन घोटाला (1987)।

– बिटुमेन घोटाला तांसी भूमि घेटाला सेंट किट्स घोटाला (1989) वी.पी. सिंह

पशुपालन मामला (1990)।

– अनंतनाग ट्रांसपोर्ट सब्सिडी स्कैम चुरहट लॉटरी स्कैम एयरबस स्कैंडल (1990)।

बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज घोटाला (1992) हर्षद मेहता।

-इंडियन बैंक घोटाला (1992)

सिक्योरिटी स्कैम (1992)

-जैन हवाला डायरी कांड (1993)

-हवाला कांड (1993) कई राजनीतिज्ञ

-चीनी आयात (1994)

-बैंगलोर-मैसूर इन्फ्रास्ट्रक्चर (1995)

जेएमएम सांसद घूसकांड (1995)

-जुता घोटाला (1995) जूता व्यापारियों ने फर्जी सोसायटी बनाकर सरकार को चूना लगाया।

-टेलीकॉम घोटाला (1996) सुखराम।

-चारा घोटाला (1996) लालू यादव।

-यूरिया घोटाला (1996) पीवी प्रभाकर राव।

-संचार घोटाला (1996) लखुभाई पाठक पेपर स्कैम (1996)

-ताबूत घोटाला (1996)

-मैच फिक्सिंग (2000)

-यूटीआई घोटाला केतन पारेख कांड (2001)

-बराक मिसाइल डील] तहलका स्कैंडल (2001)

-होम ट्रेड घोटाला (2002)

-ताज गलियारा मामले (2003) मायावती

-कैश फॉर वोट स्कैंडल (2003)

अब्दुल करीम तेलगी – स्टॉम्प घोटाला।

-तेल के लिए अनाज कार्यक्रम घोटाला (2005) ] नटवर सिंह

-कैश फॉर वोट स्कैंडल (2008) सत्यम घोटाला (2008)

-मधुकोड़ा मामला (2008)

-स्पेक्ट्रम घोटाला (2009) द्रमुक परिवार।

-झारखंड डकैती] हवाला लेनदेन (2009) मधु कोड़ा।

-आदर्श सोसायटी मामला (2010)।

-कॉमनवेल्थ घोटाला (2010)।

-2जी स्पेक्ट्रम घोटाला।

– विदेश में दबा लगभग 400 लाख करोड़ का काला धन

-हसन अली – विदेशी बैंको में काला धन।

-वर्तमान यूपीऐ सरकार द्वारा कम से कम 2 लाख करोड़ का कोयला घोटाला

यहाँ ये बात गौर तलब है कि इनमे से कई कि अभी तक जांच ही नहीं शुरू हुई,कई में साक्ष्य का अभाव बताके मामले को लटका दिया गया है और कई में दोषी पाए जाने पर भी उन्हें दण्डित तक नहीं किया गया है ।

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