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१९ दिसंबर २०१४ को बॉलीवुड की चर्चित फिल्म पी. के. रिलीज़ हुई, जिसका निर्देशन राजकुमार हिरानी ने किया है और बॉलीवुड के मि० परफेक्शनिस्ट आमिर खान इसमें मुख्य भूमिका में हैं. समीक्षकों का कहना है की यह फिल्म ब्लॉक बस्टर होगी और दर्शको के दिलो पर राज करेगी. लेकिन वास्तव में इस फिल्म ने रिलीज़ होने से पहले ही फिल्म के माध्यम से किसी और को रंक से राजा बना दिया. जी हाँ यह सच है, कहते हैं कि ऊपर वाला जब देता है छप्पर फाड़ के देता है, ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर-मध्य असम के सोनितपुर जिले के बेदेती निवासी मनोज के साथ. मनोज का पूरा नाम मनोज रॉय है और यह अभी तक दिल्ली के जंतर मंतर में लोगो से भीख मांग कर अपना जीवन यापन कर रहा था. मनोज भीख मांगने के लिए अँधा होने का भ्रम लोगो में फैलाये हुए था और लोग उस पर दया करके भीख देते थे, लेकिन बॉलीवुड की फिल्म पी.के. ने आज मनोज की किस्मत बदल दी. हुआ ऐसा कि फिल्म पी.के. की शूटिंग भारत के विभिन्न स्थानो पर की गयी है, शूटिंग के मध्य दिल्ली में मौजूद फिल्म यूनिट की निगाह एक ऐसे शातिर भिखारी पर पड़ी जो अँधा होने का नाटक कर रहा था और भीख मांग रहा था, उसका अँधा बनकर भीख मांगने का अभिनय फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी और अभिनेता आमिर खान को पसंद आया और उन्होंने भिखारी को फिल्म में लेने का मन बना लिया, फिर क्या था यूनिट के दो लोग भिखारी के पास पहुंचे और उसको देखने लगे, भिखारी मनोज अपने शातिर दिमाग की वजह से तुरंत ही यह बात ताड़ गया कि यह लोग पहचान गए हैं कि वह अँधा नहीं है, इस बात से वह डर गया लेकिन जब उन लोगो ने उसको फिल्म में अभिनय के बारे में बताया तो उसने राहत की सांस ली. यूनिट के दोनों लोगो ने उसे २० रुपया दिया और एक फोन नंबर भी दिया कि इस पर कॉल करे हो सकता है उसे फिल्म में काम करने को मिल जाये. जब अगले दिन मनोज ने उस नंबर पर फोन किया तो उसे नेहरू स्टेडियम पहुचने को बोला गया और जब वह नेहरू स्टेडियम पंहुचा तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ, वह आमिर खान और राजकुमार हिरानी के सामने खड़ा था. सात अन्य भिखारियों के साथ उसका भी ऑडिशन लिया गया और एक सप्ताह बाद उसका चयन कर लिया गया. यहाँ से आया भिखारी कि जिंदगी में चौंकाने वाला मोड़.
जो युवक गरीबी कि मार से आज तक भीख मांग रहा था, उसे फिल्म में अभिनय के लिए यूनिट के साथ दिल्ली के फाइव स्टार होटल में रखा गया. जहा वह पानी की कमी से कभी कभी १० दिन तक नहाता नहीं था, वही उसको स्विमिंग पूल में नहाने को मिला. इतना ही नहीं मनोज को टी.वी. पर कभी फिल्म देखने को नहीं मिलता था वही आज आमिर खान और अनुष्का शर्मा जैसे दिग्गज कलाकारों के आस पास रहने लगा. फिल्म पी.के. में मनोज का रोल मात्र ०५ सेकंड का है लेकिन इस ०५ सेकंड ने बहुत कुछ बदल कर रख दिया मनोज की जिंदगी में. फिल्म में एक युवक को सड़क के किनारे छड़ी के सहारे भीख मांगते दिखाया गया है, उसी समय आमिर खान आ जाते हैं और डांस स्टार्ट हो जाता है. डांस स्टार्ट होने के बाद युवक वहां से चला जाता है, इन सबमे युवक मनोज ०५ सेकंड तक स्क्रीन पर दिखाई पड़ता है और इस गाने के बोल हैं “लव इज़ वेस्ट ऑफ टाइम”.
मनोज के पी.के. फिल्म में महज ०५ सेकंड के इस रोल ने उसकी जिंदगी ऐसे बदली कि जहां उसे रोज सबके सामने अँधा होकर नाटक करके भीख मांगनी पड़ती थी अब उसे गाँव में ही एक अच्छी दुकान पर नौकरी मिल गयी है, उसकी प्रेमिका जो गरीबी के कारण उससे दूर हो गयी थी अब फिर से उसकी जिंदगी में वापस आ गयी है जिससे मिलने क्रिसमस पर वो जायेगा. मनोज के गाँव वाले भी मनोज को फिल्म में काम करता जान कर बहुत खुश है और उसको सम्मान भी मिल रहा है. ३९ वर्ष के मनोज के जन्म के बाद ही मनोज की माँ का निधन हो गया था और पिता दैनिक मजदूर थे. घर की हालत अच्छी न होने के कारण मनोज ने पढाई छोड़ दी और भीख मांगने लगा, जब उससे भी घर की स्थिति नहीं सुधरी तो वह २० साल पहले दिल्ली आ गया और नौकरी की तलाश में लग गया. लेकिन नौकरी इतनी आसान कहाँ जो सबको मिल जाये यही मनोज के साथ भी हुआ और उसने अँधा होने का नाटक करते हुए जंतर मंतर पर भीख मांगना शुरू कर दिया. मनोज को क्या पता था कि जिस नौकरी कि तलाश में वो २० साल पहले आया था और भीख मांगने लगा था, उसको किस्मत इस मोड़ पर लाएगी और भीख मांगने की जगह उसके पास फिल्म में काम, अच्छी नौकरी, फेसबुक अकाउंट, प्रेमिका सब कुछ मिल जायेगा. आज मनोज के पास नौकरी के साथ फिल्म में कमाए गए पैसे भी हैं और मनोज आगे चलकर असामी और बंगाली फिल्मो में अभिनय करने की सोच रहा है.
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