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हे भारत राष्ट्र विरोधी तुम खाते हिन्दुस्तान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
मिलता अधिकार यहॉ पूरा है फिर क्यूं शोर मचाते हो।
अपने देश के अन्दर ही तुम ध्वजा शत्रु लहराते हो।
मत बन जाओ शैतान यहॉ देखो कितनी खुशहाली है।
हर धर्म की होती जय जयकार यहॉ की बात निराली है।
कहो निभाये कैसे तुमसे तुम सच बोलो इमान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
शिक्षा का अधिकार मिला है रहने को अधिकार मिला।
करते तुम प्रतिकार हमेशा जाने क्याें है इतना गिला।
देश की मिट्टी बिना भेद के तुमसे प्यार जताती है।
लोभ क्रोध अज्ञान से तुमको बचना सदा सिखाती है।
कर जाते हो काम बुरा कर ध्यान किसी शैतान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
यहॉ सुरक्षा जान माल की यह कैसे कब समझोगे,
खुद के अन्दर अच्छे बुरे का मोल भला कब परखोगे,
बने जिहादी और भी पहले कितने तुमको याद हैं,
अब उनके बच्चो का सोचो किसने किया बर्बाद है,
यह भूल गये बस सौदा कर डाला अपनी जान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
देश से करता भेदभाव जो द्रोही वह कहलाता है,
भारत वीर देश की खातिर अपनी जान लुटाता है,
सत्ता लोभ जिसे है वह तुमको हर पल बहलाता है,
तन से गुलाम मन से गुलाम बन जाना तुम्हे सिखाता है,
गर्व करो तुम तीन रंग पर ध्वज है देश महान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
हे भारत राष्ट्र विरोधी तुम खाते हिन्दुस्तान का।
शर्म नही आती तुमको गुण गाते पाकिस्तान का।।
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