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आज रमजान के आखिरी शुक्रवार के मौके पर आप सबको शुभकामनाओं के साथ, आप सबको इस बात का भी एहसास दिलाना चाहता हूँ के दुनिया के ७ अरब लोगों मे से आप सबसे ज्यादा खुशनसीब १•25 अरब लोगों मे से एक हैं।
क्योंकि आप श्रीराम और रहीम को जन्म देने वाली मिट्टी से संबंध रखते हैं।
क्योंकि आप श्रीकृष्ण और अली को जन्म देने वाली मिट्टी से संबंध रखते हैं।
और सबसे बड़ी बात आप धरती के सभी देशों को मानवता का पाठ पढ़ानेवाले और सबसे पुरानी संस्कृति को मानने वाले महान देश से संबंध रखते हैं।
हमे अपना दुश्मन समझने वालों को भी दोनो बाहें फैलाकर स्वागत करना सिखाया है हमे, हमारी महान परंपरा ने।
पर कमजोर समझकर धोखे से पीठ पर खंजर घोपने वालों से मुकाबला करने का पाठ भी हमे पढ़ाया है हमे हमारे पुरखों ने।
जहां संसार की सारी बड़ी शक्तियां को हमने रिश्ते निभाना सीखया है वहीं हमारे अपने कश्मीरी भाई पाकिस्तान से संबंधों की गहरमाहट को महसूस करना सीख रहे हैं।
शायद हमारे कश्मीरी भाईयों को पता नही है कि संबंध और पाकिस्तान नदी के वे दो किनारे हैं जो कभी मिलते नही हैं और जब मिलते हैं तो सर्वनाश होता है, विनाश होता है, सिर्फ और सिर्फ मानवता के सुकोमल हृदय पर कुठाराघात होता है ।
मुझे कश्मीर के माननीय भूतपूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला का वो बक्तव्य अच्छी तरह से याद है, उन्होंने कहा विनीत चौहान के शब्दों मे °°°°
” तुम कहते हो कश्मीर के तुम न जो सी एम होते, जाते पाकिस्तान वहां पर तो उनके तुम पी एम होते”
उसी के मुतालिक आज मरियम नवाज का बड़ा ही हृदय विदारक बयान आया, ” कि सारा हिन्दुस्तान, गद्दार कश्मीरीयों को कह रहा है कि पाकिस्तान चले जाएं तो हम उन गद्दारों को पाकिस्तान मे घुसने की इजाजत नही दे सकते क्योंकि जो भारत के नही हुए वो गद्दार हमारे क्या होंगे”
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