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आपके एंटी रोमियो स्क्वाड के दौरान पुलिस ने इतना आतंक फैलाया कि अपनी बहन के साथ भी जाते हुए अगर पुलिस रोकती है तो भागना पड़ता था आपके उत्तर प्रदेश मे क्योंकि यहां की पुलिस को बलात्कारी सांसद और विधायको से ही संयमित भाषा के उपयोग की अनुमति दी है आपने शायद।
फिर एक महिला के साथ होने पर वो भी रात मे पुलिस द्वारा गाड़ी रोकने पर क्यो न भागेगा कोई जबकि सब जानते हैं की उत्तर प्रदेश की पुलिस कभी भी किसी को भी गोली मार देती है आतंक को ख़तम करने के नाम पर।आपने वादा किया था उत्तर प्रदेश को उत्तर प्रदेश मे तब्दील कर देंगे पर उत्तर प्रदेश बनाना तो दूर उत्तर प्रदेश को बद्द्तर प्रदेश बना कर छोड़ दिया। कैसी मानसिकता का बीज बो दिया है आपने पुलिसिया खेतों मे? ये कैसी फसलें निकलने लगी? हमारे पूर्वजों ने तो जानवरो पर भी अत्याचार करनेवालों को नकारा है और उत्तर प्रदेश पुलिस ने कीड़े-मकोड़े की तरह इंसानो को मारना शुरू कर दिया अपराध को जड़ से समाप्त करने के नाम पर।
सोचिए अहंकार कितना ? कि पुलिस के रोकने पर कोई रूका नही तो बौखलाहट इतनी कि उसको मौत की सजा सुना दी मौके पर ही। फिर तो अदालतों की आवश्यकता ही नही रही उत्तर प्रदेश मे।आपके उस संगठित इकाई के सदस्य ने ये सोचने की भी जहमत नहीं उठाई की ये वो धरती है जहाँ जानवरों को भी मारने पर जेल की हवा खानी पड़ जाती है पर इस बात से वो पूरी तरह से निश्चिन्त था की मै उत्तर प्रदेश पुलिस में हूँ और कोई मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता, तो श्रीमान कम से कम इतना बेलगाम मत छोड़ दीजिये अपने गुर्गों को की इंसानों को भी वो कीड़ो मकोड़ों की तरह कुचलने लगें। क्या बीत रही होगी उसकी पत्नी के साथ जिसके मासूम पति को आपके बहादुर जवानो ने गोली मार दी? क्या बीत रही होगी उस विधवा माँ पर जिसके आँखों का तारा था वो? क्या होगा उस बच्ची का जब उसे पता चलेगा की उसके पापा अब कभी नहीं आएंगे? उसे तो आज भी लग रहा है की उसके पापा आइसक्रीम लेकर आएंगे और मुझे शर्म तो तब आयी जब आप ने निपटारा करने के लिए २५ लाख पत्नी के नाम पर, ५-५ बेटियों के नाम पर और ५ लाख माँ के नाम पर हर्जाना स्वरुप देने कि घोषणा कर दी और एक सरकारी नौकरी कि पेशकश भी कर दी आपने सिर्फ मिडिया के बवाल से बचने के नाम पर।
हैं धन्य तुम्हारे योगी जी ये निर्जीव सिपाही, धर्मराज!
क्या यही है खाका लाने का अयोध्या वाला रामराज?
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