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भारत देश इस समय बुरी तरह के सूखे से गुजर रहा है आधा से ज्यादा जनता को पीने तक का पानी उपलब्ध नहीं है | राज्यों सरकारें तो हाथ पर धरे- धरे बैठी रही लेकिन केंद्र सरकार ने भी मुह फेर रखा था अब हालत इतने ज्यादा बुरे हो गये हैं कि महाराष्ट्र के लातूर में ट्रेन से पानी पहुँचाया गया, हालाँकि त्रस्त जनता का पीछा राजनीती से वहा भी नहीं छूटा कुछ राजनेताओं ने अपने दल के पोस्टर रेल पर लटका दिए| बरसात होना न होना किसी किसान,राजनेता या किसी दल पर निर्भर नहीं करता ये तो प्रक्रति की देंन है कभी- होती होती है कभी नहीं होती लेकिन यदि हमारे नीति-नियंताओं ने कभी इस बात की चिंता की होती तो इस बात की नौबत ही नहीं आती| यदि हम आज की स्थिति पे एक नजर डाले तो पाते हैं की वैश्विक उष्णता ने धरती पे पानी की लगातार कमी हो रही है और इसके दोषी हम खुद ही हैं लेकिन यदि कोई गौर से नजर डाले तो पता चलेगा की पानी बहुत है हमे उसका प्रयोग करना नहीं आता इस तथ्य को हमे समझाया है एक ऐसे देश ने जो कि बहुत सही जगह पर स्थित नहीं है इजराइल जिसे की विश्व अपने पानी सरंक्ष्ण तकनीक में “विश्व का राजा ” के नाम से जानता है| ६० प्रतिशत से अधिक भूमि रेगिस्तानी है लेकिन पूरे वर्ष इजराइल को पानी की कमी नहीं होती क्योंकि इसने बेहतरीन तकनीक इजाद की है|
डीसैलीनेशन – इजराइल के डीसैलीनेशन प्लांट्स पूरे राष्ट्र में फैले हुए हैं इससे न केवल इजराइल समुद के पानी का प्रयोग सफाई से प्रयोग करता है, बल्कि पूरे राष्ट्र की पानी की समस्या के निपटारे के साथ कुछ देशों को पानी का निर्यात करके आर्थिक लाभ भी कम रहा है विश्व के कई लोकप्रिय नेताओं ने इजराइल की बहुत प्रशंसा की है
ड्रिप तकनीक – इसे माइक्रो-इरीगेशन तकनीक भी कहा जाता है ये तकनीक मन्युष के दिमाग की एक गजब उपज है हम अक्शर खेतों में सिंचाई के वक्त बहुत सारा पानी बर्बाद क्र देते हैं इस तकनीक के प्रयोग से आप इसे बचा सकते हैं इस तकनीक से उर्वरक व् पानी को सीधा फसल के जड़ में डाला जाता है न उर्वरक बर्बाद जाता है न ही पानी .
गत १८ अप्रैल को भारत और इजराइल के बीच इसे लेकर एक समझौता भी हुआ है यह एक दूरस्द्र्शी कदम है इससे हमारे देश को फायेदा हो सकता है क्योंकि हमारे पास तो इजराइल से भी ज्यादा स्रोत हैं.
आज इजराइल 85 % पानी को रीसायकल करता है और 2020 तक यह उम्मीद की जाती है की इजराइल अपनी खेती के लिए 50 % पानी केवल रीसाइक्लिंग से ही पूरा हो जायेगा |और इजराइल यहाँ तक की पूरा सीवेज का पानी खेती में प्रयोग करता है| हम अपने भविष्य के लिए बैंकों में अपने जमा खता खुल्वातें हैं ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित रहे और अब तो जीवन बीमा से लेकर अलग अलग तरह के बीमा आ चुके हैं सब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं लेकिन दुर्भाय इस बात का है की हम लोग धरती के भविष्य के लिए चिंतित नहीं हैं जबकि हम सब जानते है जब यह धरती बचेगी तभी तो हमारा आज कल सुरक्षित रहेगा|
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