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तुम गये, सब छोड़ गये…

Lahar
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तुम गये, सब छोड़ गये।

गैरों की इस दुनिया में,

हम अकेले हो गये।

तुम गये, सब छोड़ गये।

तेरे जाने का हिसाब,

ना जाने किस किस

से मैंने लिया,

छोड़ के तु गई,

हिसाब औरों ने दिया,


तनहा भरी इस भीड़ में,

लहर फिर अकेला हो गया।



तुम गये, सब छोड़ गये।

ये सितारों कि दुनिया,

किसे चाहिये थी।

तुम बिन ये नामुराद,

जिंदगी किसे चाहिये थी।


तेरी भावनाओं का स्पर्श,

किसी जन्नत से कम तो नहीं था।

तुम गये, सब छोड़ गये।

तनहा भरी इस भीड़ में,

लहर फिर अकेला हो गया।

अब ना यकीन तुझ पर,

ना अब यकीन मुहब्बत पर है।


जालिम है दुनिया,

धोखे बड़े देती है,

वादा कर उम्र भर साथ का,

बीच राह में छोड़ देती है।

तुम गये, सब छोड़ गये।

तनहा भरी इस भीड़ में,

लहर फिर अकेला हो गया।

.……….by Lahar

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