Menu
blogid : 26778 postid : 34

बड़ा चमत्कारिक होता है स्फटिक और पारद शिवलिंग का पूजन

www.jagran.com/blogs/lavgadkari
www.jagran.com/blogs/lavgadkari
  • 7 Posts
  • 1 Comment

देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में श्रद्धालु भोले बाबा को विविध स्वरूपों में पूजकर पुण्य कमाने में लगे हैं। कहीं बारह ज्योर्तिलिंगों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है तो, कहीं श्रद्धालु अपने निवास क्षेत्रों के आसपास प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंगों पर दूध,दही,जल,घी,शहद,शकर चढ़ाकर शिवार्चना कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर श्रद्धालु पाषाण से निर्मित शिवलिंगों का दर्शन व पूजन करने में लगे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं शिवत्व पाषाण के अलावा भी कई और तत्वों में बसता है। इस तरह के स्वरूप में विराजित मोहापहारी का पूजन शांति, समृद्धि देने वाला तो होता ही है, साथ में यह आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। आखिर क्या हैं भगवान शिव के वे रूप, जिनका दर्शन करने से ही समस्त पापों का शमन होता है। भगवान शिव तो भक्तों के बस में हैं। श्रद्धालु यदि चिदानन्द स्वरूप भगवान महेश का नाम भी ले लें तो भगवान, उन पर प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन पुराणों में वर्णन मिलता है कि, यदि पारद शिवलिंग स्वरूप में भगवान के दर्शन किए जाऐं तो सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती हैं।

 

 

पारद का यह शिवलिंग बेहद दुर्लभ होता है। इसका निर्माण कार्य भी बेहद जटिल है। आमतौर पर पारद को अष्टधातु के साथ मिलाकर, शिवलिंग निर्मित किया जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा इस शिवलिंग के पूजन व दर्शन करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं, और श्रद्धालुओं को इच्छित पुण्यफल मिलता है।
 स्फटिक से निर्मित शिवलिंग का पूजन व दर्शन किया जाए तो श्रद्धालुओं के सारे दुख समाप्त हो जाते हैं और उन्हें अभिष्ट की प्राप्ति होती है। विज्ञानसम्मत और आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में तरंगें और चुंबकीय तत्व प्रवाहित होते हैं। स्फटिक ऐसी पारदर्शी धातु होती है जो हीरे का उपरत्न है और प्रायः हिमालयी क्षेत्र की खानों में पाया जाता है। इसमें आॅक्सीजन और सिलिकाॅन विविध रूप में पाया जाता है।

यह इलेक्ट्रोकैमिकल का संतुलन निर्मित करता है और हमारे द्वारा स्पर्श करने मात्र से अथवा इसके विकिरण प्रभाव क्षेत्र के आसपास कुछ देर ठहरने से यह हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करता है। जिससे हम जीवन के प्रति आशान्वित होते हैं। ऐसा होने पर ईश्वर में हमारी आस्था बढ़ जाती है और हम संबंधित शिवलिंग के औरा क्षेत्र में एकाग्रचित्त हो जाते हैं, ऐसे में हमारा मन शांत व स्थिर हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्फटिक से बने शिवलिंग का विधिवत पूजन करने से हमारी सारी मनोकामना पूर्ण होती है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh