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एक पत्नी द्वारा लिखा गया भावुक पत्र

engineering is my profession , blogging is my passion
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************ प्रिय पति देव *************

 

नहीं कहती आपसे की चांद-तारे तोड़कर लाओ,
पर जब आते हो, एक मुस्कान साथ लाया करो!

 

 

नहीं कहती के मुझे सबसे ज्यादा चाहो,
पर एक नजर प्यार से तो उठाया करो!

 

 

नहीं कहती, बाहर डिनर कराने ले जाओ ,
पर एक पहर साथ बैठ के तो खाया करो !

 

 

नहीं कहती कि काम में हाथ बटाओ मेरा ,
पर कितना करती हुं, देख तो जाया करो !

 

 

नहीं कहती के हाथ पकड़ के चलो मेरा ,
पर कभी दो कदम साथ तो आया करो!

 

 

यूंं ही गुजर जायेगा जिंदगी का सफर भागते भागते ,
एक पल थक के साथ बैठ जाया करो!

 

 

नहीं कहती के कई नामों से पुकारो
एक बार फुर्सत से “सुनो” ही कह जाया करो!

 

 

नहीं कहती आपसे की चांंद-तारे तोड़कर लाओ,
पर जब आते हो एक मुस्कान साथ लाया करो!

 

 

 

नोट : यह लेखक के निजी विचार हैं, इसके लिए वह स्‍वयं उत्‍तरदायी है। संस्‍थान का कोई लेना-देना नहीं है।

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