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एक भाई रावण जैसा भी …

engineering is my profession , blogging is my passion
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अक़्सर जब हम रावण का नाम सुनते है तो हमारे मन में उसके प्रति गुस्सा और घिर्णा उत्पन्न हो जाता है ! क्यों की हम यही सोचते है रावण एक दुराचारी, व्यभिचारी और अत्याचारी व्यक्ति है जिसने माता सीता का हरण कर अपनी लंका में ले गया था ! जिस रावण की छबि हमारे नजर में एक अत्याचारी रूप में बन गयी है क्या हमने कभी ये सोचा की रावण ने ऐसा क्यों किया था ऐसी कौन सी अवस्था आ पड़ी की उसे माता सीता का हरण करना पड़ा ! क्या हमने कभी ये सोचा की रावण भी किसी बहन का भाई था !
अगर उसने माता सीता को हरने का दुस्साहस किया तो वह सिर्फ और सिर्फ लक्ष्मन द्वारा अपने बहन ( शूर्पणखा ) पर हुए अत्याचार (बेइज़्ज़ती) के प्रतिशोध में किया था ! कोई भी भाई अपने बहन पर हुए अत्याचार को देख चुप नही बैठ सकता चाहे ओ कितना भी दुर्बल क्यों न हो और फिर रावण तो इतना बलशाली बैभवशाली और शक्तिशाली था तो उसके चुप बैठने का कोई सवाल ही नही होता ! और अगर रावण इतना दुराचारी था तो माता सीता को कई बर्षों तक अपने कब्जे में रखने के बावजूद उनको हाथ तक नही लगाया कभी उनपर कोई अत्याचार नही किया क्यों कभी आपने यह सोचा, क्यों कि रावण महिलाओँ का सम्मान करता था और वह भी एक बीर पुरुष था उसके मन में सीता के प्रति कोई द्वेष भावना नही था ! जिस समय युद्ध में रावण के परिवार से एक एक योद्धा मारे जा रहे थे रावण चाहता तो सीता कि हत्या कर युद्ध के जरिये को खत्म कर सकता था पर उसने परायी और अबला नारी पर हाथ उठाना उचित नही समझा और बीरों कि तरह युद्ध करना ही अपना कर्त्तव्य समझा ! ऐसे भाई को मेरा शत शत नमन !!!

आज के समय में जब हर गली हर चौराहे पर दुराचारी घूम रहे है, तो हर बहन को जरुरत है “एक भाई रावण जैसा भी” जो किसी भी समय अपने बहन कि रक्षा कर सके उसपर हुए अत्याचार का बदला ले सके, उसपर हुए किसी भी अप्रिय घटना का माकूल जवाब दे सके ! मेरे इस लेख का सन्दर्भ बस इतना था कि आज के समय में जिस तरह महिलाओँ पर अत्याचार दुर्ब्यवहार हो रहा है ऐसी अवस्था में एक भाई रावण जैसा होना भी जरुरी है ! हम अगर रावण को एक भाई के नजरिये से देखेंगे तो उसमे भी एक अच्छा सच्चा इंसान नजर आएगा मेरी भगवन से यही प्रार्थना है कि ओ हर बहन को रावण जैसा एक भाई अवश्य दे ! इस लेख से किसी के भावनाओं को आहत करने का विचार बिलकुल भी नही है अगर फिर भी किसी को इस लेख से आपत्ति है तो मैं क्षमा चाहूंगा ………

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