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बहुत सरल है भगवान् का दोस्त बनना !

engineering is my profession , blogging is my passion
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एक बच्चा गला देनेवाली सर्दी में नंगे पैर प्लास्टिक के तिरंगे बेच रहा था,
लोग उसमे भी मोलभाव कर रहे थे।
एक सज्जन को उसके पैर देखकर बहुत दुःख हुआ, सज्जन ने बाज़ार से नया जूता ख़रीदा और उसे देते हुए कहा
“बेटा लो, ये जूता पहन लो”.
लड़के ने फ़ौरन जूते निकाले और पहन लिए,
उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठा था. वो उस सज्जन की तरफ़ पल्टा और हाथ थाम कर पूछा
“आप भगवान हैं ?
उसने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा
“नहीं बेटा, नहीं. मैं भगवान नहीं”
लड़का फिर मुस्कराया और कहा
“तो फिर ज़रूर भगवान के दोस्त होंगे,
क्योंकि मैंने कल रात भगवान से कहा था कि मुझे नऐ जूते देदें,”
वो सज्जन मुस्कुरा दिया और उसके माथे को प्यार से चूमकर अपने घर की तरफ़ चल पड़ा.
अब वो सज्जन भी जान चुके थे कि भगवान का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं………

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