प्राय: यही समझा जाता है कि सिग्रेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसका धुआं ना सिर्फ सिग्रेट पीने वाले को बल्कि हर उस व्यक्ति के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जो उसके धुएं के दायरे में आ जाता है. लेकिन अब सिग्रेट और उसके धुएं के जिस नुकसान की बात आज हम करने वाले हैं वह इससे भी कहीं अधिक घातक और गंभीर है.
हाल ही में हुआ एक अध्ययन सिग्रेट पीने वाले लोगों के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं है क्योंकि यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रैडफोर्ड के वैज्ञानिकों ने अपने इस शोध के आधार पर यह स्थापित किया है कि सिग्रेट पीने वाले पुरुषों के बच्चों को कैंसर होने की संभावनाएं कहीं अधिक रहती हैं और यह सब होता है पुरुष के संक्रमित डीएनए के कारण.
ब्रिटिश समाचार पत्र, डेली मेल के अनुसार सिग्रेट पीने से क्षतिग्रस्त हुए जीन से अनुवांशिक तौर पर बच्चों को नुकसान पहुंचता है. ऐसे जीन के कारण युवावस्था में पहुंचने के बाद बच्चों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय से जुड़ी मुख्य शोधकर्ता डॉ. डायना एंडरसन का कहना है कि जब आप संतान के जन्म से संबंधित निर्णय लेते हैं तो आपको लगभग 12 सप्ताह पूर्व ही धूम्रपान करना छोड़ देना चाहिए. डायना का यह भी कहना है कि महिलाओं को भी धूम्रपान करने से बचना चाहिए क्योंकि गर्भधारण के दौरान धूम्रपान करने से बच्चे में आनुवांशिक बदलाव आ जाता है जो बच्चे में कैंसर विकसित होने के खतरे को बढ़ा देता है.
उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो भारतीय पुरुषों में धूम्रपान की आदत बढ़ती जा रही है. कुछ शौक के लिए सिग्रेट पीते हैं तो कुछ दोस्तों के कहने में आकर इसके नशे के आदी बन जाते हैं. सिग्रेट पीने के नुकसान को समझे बगैर खुद को कूल और आधुनिक दिखाने के लिए वह इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं. यही हालात अब महिलाओं के साथ भी हैं. विदेशों में महिलाओं का सिग्रेट पीना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन अब भारतीय महिलाओं में भी यह प्रचलन बढ़ता जा रहा है. धूम्रपान करने के पीछे उनमें भी खुद को मॉडर्न दिखाने की प्रवृत्ति ही विद्यमान है.
समाज चाहे देशी हो या विदेशी प्राय: सभी को अपने और अपनी आगामी पीढ़ी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. आपको यह समझना चाहिए कि सिग्रेट कोई ऐसी आदत नहीं है जिस पर आप या आपका कोई करीबी गर्व कर सके.
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