अगर आदमी हृष्ट-पुष्ट दिखना चाहता है तो महिलाएं सुन्दर दिखना चाहती हैं. इसके लिए आदमी अगर जिम जाता है तो महिलाएं ब्यूटी पार्लर जाती हैं.
सजना, संवरना और सुन्दर दिखना यह महिलाओं की एक ऐसी प्रवृत्ति है जो दीर्घकाल से विद्यमान है. सभ्यता के शुरुआत से ही यह देखा गया है था कि महिलाएं अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के पदार्थों और मिश्रणों का प्रयोग करती थीं. आदिम काल में जब पुरुष बाहर शिकार पर जाते थे तो महिलाएं घर में रहकर अपनी सुंदरता पर ध्यान देती थीं.
सौंदर्य महिलाओं को विरासत में मिला है. पुनर्जागरण काल में भी यह देखा गया था कि महिलाएं अपनी आंखों पर कोयला लगा कर पुरुषों को रिझाने के लिए उसे आकर्षक बनाती थी.
तथ्य तो यह है कि महिलाओं को सुन्दर दिखना अच्छा लगता है. पहले महिलाएं सुन्दर और युवा दिखने के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाती थीं. इसके लिए वे तरह तरह के फल, छाल, फूल, तेल और जड़ी-बूटियों का प्रयोग करती थीं.
आधुनिक समय में भी महिलाओं में सुन्दर दिखने की सनक कम नहीं हुई है. असल मायनों में इसमें इजाफा ही हुआ है. आज के समय में महिलाओं की संतुष्टि के अनुसार ही इत्र बनाए जाते हैं. शरीर की सफाई का साबुन ऐसा होता है जिससे महिलाओं की त्वचा नरम, चिकनी और दोष रहित बने. इसके अलावा बाज़ार में तरह-तरह की क्रीम और हेयर ऑयल उपलब्ध हैं जो महिलाओं की सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं.
अगर वास्तव में देखा जाए तो आधुनिक महिलाएं ज़्यादा खुशकिस्मत हैं क्योंकि आज उनके पास सुन्दर दिखने के ज़्यादा संसाधन मौजूद हैं.
वस्तुएं जो बढ़ाती हैं महिलाओं की सुंदरता
• चेहरे की क्रीम
• हेयर ऑयल
• साबुन
• शैंपू और कंडीशनर
• कपड़े
• लिपस्टिक
• काजल
• चेहरे की चमक बढ़ाने वाले पदार्थ
• गहने और आभूषण
• इत्र
• गुलाब जल
• ब्यूटी पार्लर
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