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ब्रिटेन के लोगों का पसंदीदा शब्द है आई एम सॉरी!!

i am sorryअगर आप यह सोचते हैं कि “भारतीय समाज विश्ववभर में सबसे ज्यादा शालीन और सभ्य समाज है. यहां के लोग एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान रखते हैं. वह स्वभाव से इतने विनम्र और शांत होते हैं कि अगर जाने-अनजाने उनसे कोई गलती हो जाए तो वह उसे स्वीकार करने में बिलकुल नहीं हिचकते” तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भले ही हम व्यवहार कुशलता और विनम्र भाव को महत्व देते हों, लेकिन ब्रिटेन, जिसे जेंटलमैन कंट्री माना जाता है, के लोग इस मामले में हमसे बहुत आगे हैं.


एक नए शोध के अनुसार ब्रिटेन के लोग एक दिन में कम से कम आठ बार तो माफी मांग ही लेते हैं. अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो वह उसे तुरंत ही स्वीकार कर लेते हैं. यहां तक कि कभी-कभार तो वे दूसरों की गलतियों पर भी स्वयं सॉरी बोल जाते हैं.


न्यूयार्क बेकरी को द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में यह स्पष्ट हुआ है कि एक ब्रिटिश व्यक्ति औसतन एक साल में 2,920 दफा सॉरी बोलता है या अपने जीवनकाल में लगभग 23 लाख बार इस शब्द को दोहराता है. आंकड़ों का कहना है कि उन्हें सॉरी बोलना इतना ज्यादा भाता है कि इनमें से अधिकांश समय तो वे तब माफी मांगते हैं, जब उनकी गलती होती ही नहीं है.


समाचार पत्र डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि ब्रिटिश लोग अकसर किसी और की गलती की प्रतिक्रिया के रूप में स्वयं माफी मांगते हैं. कम से कम 43 प्रतिशत लोगों ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि उन्होंने ऐसे व्यक्तियों से माफी मांगी है जिनसे उन्हें ठोकर लगी जबकि 17 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने पैरों की अंगुलियां कुचल देने वाले व्यक्ति से माफी मांगी है. इनमें से 30 प्रतिशत मामले ऐसे भी हैं जिसमें लोग एक्सक्यूज मी की जगह पर सॉरी शब्द का प्रयोग कर बैठते हैं.


इससे पहले कि आप यह सोचें कि लंबे समय भारत पर राज करने वाले ब्रिटिश इतने नासमझ हैं कि वे गलती ना होने पर भी दोषी बनने को तैयार रहते हैं, इसीलिए आपको इस तथ्य से भी अवगत होना चाहिए कि लगभग 67% लोग ऐसे हैं जो अगर किसी के काम में या रास्ते में रुकावट पैदा करते हैं, तो वह अपने नम्र स्वभाव का परिचय देते हुए उससे बिना देर लगाए सॉरी कह देते हैं.


भारतीय लोगों का यह मानना है कि सॉरी शब्द अंग्रेजी भाषा से ही अवतरित हुआ है. जिसका प्रयोग इस मानसिकता से किया जाता है कि आप चाहे किसी को कितना ही नुकसान पहुंचा दें, अगर आप उसके बाद सॉरी कह देते हैं, तो स्वत: ही उस बेचारे व्यक्ति के दर्द पर मरहम लग जाता है.


अंग्रेजों ने भी तो यही किया था. दो शताब्दियों से ज्यादा भारत पर राज कर, जनता पर मनचाहे ढंग से अत्याचार किया. उन्हें अपने अधीन बनाए रखा, लेकिन जाते-जाते सॉरी कह गए. उन्हें अपनी गलती का अहसास हो या ना हो, हम जरूर उनके पश्चाताप से आश्वस्त हो गए.


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