Menu
blogid : 313 postid : 724547

खुलासा: एक साइलेंट किलर जो कहीं भी कभी भी आपको शिकार बना सकता है, बचने का बस एक ही रास्ता है, जानिए वह क्या है

आराम की जिंदगी जीने वाले कभी चैन से नहीं रह पाते. मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक जैसी बीमारियां आज कॉमन हैं. अमेरिका जैसे देशों में पहले ही पैर पसार चुकी ये बीमारियां अब भारत में आम हैं. सामान्य अंदाजे से हर 10 में कम से 5-7 तो जरूर किसी न किसी रूप में इन बीमारियों से ग्रस्त होते हैं. इन सबमें आज जो ग्लोबल स्तर पर साइलेंट किलर बन चुका है वह है हार्ट अटैक. कई बार आपने सुना होगा कि अचानक आए हार्ट अटैक से किसी की मौत हो गई. कई बार तो ऐसा भी होता है जब व्यक्ति इस अटैक से पहले बिल्कुल स्वस्थ माना जाता है. पर हार्ट अटैक फिर भी उसे शिकार बनाता है. यहां कुछ ऐसे टिप्स हैं जो हार्ट अटैक से पहले ही ‘आपको हार्ट अटैक हो सकता है’  इसकी जानकारी दे देते हैं.


अमेरिका में लगभग एक मिलियन लोग हैं जो हर साल हार्ट अटैक के शिकार होते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं चलता. अमेरिकी डॉ. क्रैंडल जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट हैं. डॉ. क्रैंडल की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 25 प्रतिशत लोग अचानक हुए हार्ट अटैक से मरते हैं. दिल की बीमारियों पर उन्होंने कई वर्षों तक शोध किया और अब हाल ही में उन्होंने हार्ट अटैक से ठीक पहले इसे जान सकने की जानकारी देते हुए एक वीडियो प्रजेंटेशन दिया है जो खासा वायरल हो चुका है. इस वीडियो के अनुसार कुछ बातें जो आप हार्ट अटैक के बारे में नहीं जानते:

कोलेस्ट्रॉल: कई लोग कोलेस्ट्रॉल को हार्ट अटैक का कारण मानते हैं जबकि यह बिल्कुल गलत है. सभी जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल और गुड कोलेस्ट्रॉल एचडीएल. यह बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल ही हार्ट अटैक का कारण होता है लेकिन इसमें भी ए और बी टाइप के दो एलडीएल होते हैं. इसलिए कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाते हुए यह जानना बहुत जरूरी है कि इसमें एलडीएल की मात्रा क्या है और उसमें भी ए और बी टाइप के एलडीएल की मात्रा कितनी है.

–नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल लेवल होने पर अचानक हार्ट अटैक के केसेस होते हैं और जिनमें कई सीवियर केस भी होते हैं और पेशेंट की मौत भी हो सकती है.



हार्ट अटैक के मुख्य कारण

हार्ट अटैक के मात्र दो मुख्य कारण हैं:

(i) शुगर

(ii) फैट

इसके अलावे स्ट्रेस, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, एक्सरसाइज की कमी, हार्मोनल इंबैलेंसेस, जरूरत से ज्यादा बॉडी में इंसुलिन बनना आदि.

Dr. crandall’s video


किस तरह रोक सकते हैं?

डायबिटीज की तरह लोग दिल की बीमारियों से भी डरते हैं. लोगों का मानना है कि एक बार दिल का दौरा पड़ने के बाद सामान्य जीवन नहीं जिया जा सकता जबकि इसका कारण जानने के बाद दिल की बीमारी और दिल का दौरा पड़ने के खतरों आसानी से बचा जा सकता है. यहां तक कि पहले जैसी सामान्य जिंदगी भी जी सकते हैं. इसलिए:

-जहां तक संभव हो फास्ट फूड से बचना चाहिए क्योंकि ये शुगर और फैट की मुख्य वजह बन जाते हैं.

– कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल स्तर जानकर चैन से न बैठ जाएं. डॉक्टर शायद ही कभी इससे आगे आपको कोई सलाह देंगे. इसलिए बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की मात्रा जानने के साथ गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए.

पैटर्न ए और पैटर्न बी की का रेशियो जानने के लिए पीएलएसी टेस्ट (PLAC Test). इसकी रिपोर्ट बहुत हद सही होती है और हार्ट अटैक के खतरे के कितने करीब हैं आप यह जानने में आपकी मदद करता है.


भ्रम और हकीकत

-कई लोग कोलेस्टोल को हार्ट अटैक का कारण मानते हैं जबकि हार्ट अटैक से कोलेस्ट्रॉल का कोई नाता नहीं है. बस ध्यान इतना रखना चाहिए कि बैड कोलेस्ट्रॉल एलडील, खासकर टाइप बी एलडीएल की मात्रा बढ़ने न पाए.

-फास्ट फूड खाकर डायट कंट्रोल कर बाद में इसे सुधारने से स्वस्थ रहने में कोई दिक्कत नहीं आएगी जबकि हाई शुगर और फैटी फूड के कारण एलडीएल की मात्रा बढ़ती है.

-साधारणतया डेली रूटीन में कोई दिक्कत न होने पर लोग खुद को स्वस्थ मान बैठते हैं जबकि स्ट्रेस, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हॉर्मोनल इंबैंलेस आर्टरी को नुकसान पहुंचा सकता है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh