एक समय था जब प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे को खत के माध्यम से अपने दिल की बात बताते थे. कभी परिवार तो कभी समाज द्वारा लगाई गई बंदिशों के कारण वह अपने प्रेमी से मिल ही नहीं पाते थे. वह तो बस एक मौके की तलाश में रहते थे कि किसी तरह एक बार वह अपने प्रेमी का दीदार कर सकें. इसी तलाश में अगर थोड़ी बहुत बात हो जाए तो बात ही क्या है.
लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. जबसे विज्ञान और नई-नई तकनीकों ने हमारे समाज में अपनी जगह बनाई है, तबसे किसी भी प्रेमी जोड़े को एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाने और उनसे मिलने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता. मोबाइल, कंप्यूटर जैसे आधुनिक उपकरणों की सहायता से वह जब चाहे अपने लव-इंट्रस्ट से बात कर सकते हैं.
वैसे आजकल तो जमाना और अधिक मॉडर्न हो गया है. पहले जहां लड़के-लड़की का आपस में मिलना-जुलना भी पसंद नहीं किया जाता था, वहीं आजकल उन्हें मिलवाना और एक-दूसरे के संपर्क में लाना भी कई कंपनियों के लिए कमाई का जरिया बन गया है. इसकी वजह से इंटरनेट पर कई डेटिंग साइट्स आज किशोर-किशोरियों को आपस में मिलवाने के लिए कार्य कर मनचाहा पैसा कमा रही हैं.
इन्हीं तकनीकों के परिणामस्वरूप आजकल युवाओं में हाई-टेक मोबाइल फोन बहुत लोकप्रिय हो गए हैं, जिन्हें आम बोलचाल में स्मार्ट फोन कहा जाता है. नाम की तरह इनका काम भी बहुत स्मार्ट है. ऐसे मोबाइल फोनों में अत्याधुनिक एप्लिकेशन डाउनलोड करने की सुविधा होती है. आप बढ़िया से बढ़िया वीडियो गेम, गाने जब चाहे तब डाउनलोड कर सकते हैं. इतना ही नहीं यह भी प्रेमी-जोड़ों को मिलवाना अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझने लग गए हैं. अपनी इसी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए उन्होंने डेटिंग एप्लिकेशन की सुविधा उपलब्ध करवानी भी शुरू कर दी है. कंप्यूटर उपयोग के दौरान तो फिर भी ई-डेटर्स को सबसे पहले समय निकालकर कंप्यूटर पर अपने संभावित साथी की तलाश करनी पड़ती थी, लेकिन यह काम मोबाइल एप्लिकेशनों ने बहुत आसान बना दिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अब हमारे युवा अपने ऑनलाइन क्रश को जेब में रखकर घूम सकते हैं.
इन नए हाई-टेक ऑनलाइन डेटिंग एप्लिकेशनों की लोकप्रियता एक नए शोध के नतीजों को जानने के बाद स्वत: ही स्पष्ट हो जाएगी. अमेरिका में हुए एक सर्वे के मुताबिक जून 2010 में जो युवा दिन के करीब 4 मिनट इन डेटिंग वेबसाइट्स पर गुजारते थे, आज वही लगभग 8-10 मिनट मोबाइल पर अपने साथी की तलाश में बिता देते हैं. वहीं कंप्यूटर पर बिताए जाने वाले समय में कमी देखी जा सकती है. जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मोबाइल फोन का प्रयोग आप चलते-फिरते, खाना खाते समय कभी भी कर सकते हैं, लेकिन कंप्यूटर के मामले में ऐसा नहीं हैं. उसके लिए तो आपको विशेष समय चाहिए, जो हमारी आज की भागती-दौड़ती जीवन शैली पर फिट नहीं बैठती. इसीलिए मोबाइल फोन पर समय बिताना लोग ज्यादा सहज समझते हैं.
भारत में भी ऐसी परिस्थितियां देखी जा सकती हैं. क्योंकि हमारे युवाओं के दिल में भी इन आधुनिक मोबाइल तकनीकों जैसे आई-फोन, एंड्रॉयड के प्रति प्रेम जगने लगा है. ऐसे मोबाइल फोन हर सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. दोस्तों से बात करनी हो या कोई नई गेम डाउनलोड करनी हो उन्हें सब जल्दी से जल्दी चाहिए. इसके अलावा जब यह नवीन तकनीकें जीवनसाथी या प्रेमी की तलाश को इतना सहज और आसान बना रही हों, तो किसी के लिए भी इनके प्रति आकर्षित होना लाजमी है.
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