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वित्त संबंधी धोखेबाजी को बढ़ावा देता है रचनात्मक स्वभाव !!

creativity and cheatingअगर आप ऐसा सोचते हैं कि रचनात्मक व्यक्ति सुलझे और दिलचस्प होते हैं, वह अपने आसपास के वातावरण को खुशहाल देखना चाहते हैं इसीलिए वह किसी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकते, तो हो सकता है कि आपको अपनी इस मानसिकता को जल्द ही बदलनी पड़े.



एक नए अध्ययन की मानें तो रचनात्मक व्यक्ति सबसे ज्यादा धोखेबाज होते हैं. विशेषकर वित्त संबंधी मामलों में उन पर विश्वास करना नुकसानदेह साबित हो सकता है.


हार्वर्ड विश्वविद्यालय, वाशिंगटन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह पाया है कि रचनात्मक स्वभाव और दृष्टिकोण वाले व्यक्ति पैसे के लेन-देन में अन्य लोगों की अपेक्षा विश्वसनीय नहीं होते. वह धोखा देने का मार्ग खोज ही लेते हैं.


मुख्य शोधकर्ता फ्रांसेस्का जिनो का कहना है कि रचनात्मक दृष्टिकोण जहां लोगों को परेशानियों और बाधाओं को पार करने और मुश्किल कार्य करने में सहायक सिद्ध होता है वहीं उनके मस्तिष्क में लोगों को धोखा देने और उनके साथ विश्वासघात करने जैसे विभिन्न तरीकों को भी विकसित करता है. अधिक रचनात्मकता लोगों को समस्या का हल खोजने के लिए अनैतिक और गैर-कानूनी तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है.


इस अध्ययन में विश्वविद्यालय के बौद्धिक और रचनात्मक दृष्टिकोण वाले 97 प्रतिशत छात्रों को शामिल कर उनके मानसिक स्तर को मांपा गया. कुछ प्रश्नों के आधार पर उनकी मनोवैज्ञानिक जांच करने के बाद यह नतीजा निकाला गया कि रचनात्मक लोग जरूरत पड़ने पर धोखा दे सकते हैं साथ ही उनके समस्याओं से निकलने जैसे हालातों में गैर-कानूनी मार्ग चुनने की संभावना भी अधिक रहती है.


इस विदेशी अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य में ढाल कर देखें तो हो सकता है कि इसके नतीजे रचनात्मक प्रकृति वाले लोगों पर लागू होते हों, लेकिन मात्र इसी आधार पर उन्हें धोखेबाज या अविश्वसनीय ठहराना कदापि सही नहीं कहा जाएगा. किसी के अनैतिक स्वभाव या जरूरत को उसकी रचनात्मकता से जोड़कर देखने का कोई अर्थ नहीं होता. प्राय: कम बौद्धिक या सामान्य बुद्धि वाले लोगों को भी विश्वासघात करते और पैसे के लेन-देन में धोखा करते देखा जा सकता है. इसमें उनकी रचनात्मकता या बौद्धिकता का कोई खास महत्व नहीं होता.


अपने संबंधियों या निकटतम लोगों के साथ विश्वासघात या फिर किसी के साथ धोखेबाजी, व्यक्ति या तो अपनी आदत की वजह से करता है या फिर जरूरत. लालच और आगे बढ़ने की लालसा भी इसमें बहुत महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होती है. लालच सिर्फ रचनात्मक व्यक्ति को ही अपनी चपेट में लेता है ऐसा कोई जरूरी नहीं है. कुछ तथाकथित नैतिक और समझदार व्यक्ति भी जरूरत पड़ने या बेहतर विकल्प के मिलने पर धोखा दे जाते हैं. ऐसे में यह बात बिलकुल मायने नहीं रखती कि वे रचनात्मक हैं या फिर साधारण बुद्धि वाले.


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