वैश्वीकरण जैसी नई आर्थिक नीतियों का भारत में प्रवेश होने से भारत की अर्थव्यवस्था में तो सुधार हुआ ही है साथ ही युवाओं के लिए यह नीतियां किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई हैं. आज युवाओं के पास अपनी पसंदीदा नौकरी पाने और उसके लिए खुद को तैयार करने के लिए विशेष और भरपूर अवसर हैं.
एक अदद नौकरी जिसमें आपको अपना एक केबिन या फिर डेस्क मिल जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है. वैसे भी भागदौड़ से भरी नौकरी करना किसी का उद्देश्य तो नहीं हो सकता. लेकिन एक नए अध्ययन की मानें तो डेस्क जॉब करना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. इससे आप मोटापे के शिकार हो सकते हैं और साथ ही कई घातक बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं.
लंदन के लीसेस्टरशायर काउंटी स्थित लॉफबोरफ यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है कि वे लोग जो पूरे दिन कुर्सी पर बैठे रहते हैं या डेस्क जॉब करते हैं वह बहुत आलसी हो जाते हैं. घर जाकर भी वह व्यायाम या फिर अन्य किसी श्रम में भाग नहीं लेते. जिसके कारण उनका वजन बढ़ता जाता है और अंतत: वे मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि डेस्क जॉब करने वाले लोग अन्य लोगों की अपेक्षा घर पर भी आराम फरमाना ही पसंद करते हैं.
डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार डेक्स जॉब करने वाले लोग 6 घंटे बैठकर काम करते हैं. अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे वे बहुत थक जाते हैं जिसके बाद वे अपेक्षाकृत ज्यादा सोते हैं. वे अपना अधिकांश समय टी.वी. देखकर ही बिताते हैं जिसके परिणामस्वरूप उनका वजन बढ़ने लगता है.
शोधकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि मोटापे का सबसे बड़ा कारण आधुनिक तकनीकें भी हैं. क्योंकि ऑफिस में भी जब हमें किसी सहकर्मी से कुछ कहना होता है तो उसके पास जाने की बजाए हम उसे मेल या चैट के द्वारा ही संपर्क करते हैं.
भले ही यह अध्ययन एक पाश्चात्य शोध है लेकिन भारतीय युवाओं की जीवनशैली पर भी यह खरा उतरता है. आंकड़ों के अनुसार भारत में मोटापा और मधुमेह पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसका एक बड़ा कारण अति व्यस्त जीवनशैली और शारीरिक श्रम की अनुपस्थिति हैं. डेस्क जॉब करने वाले लोग भले ही मानसिक रूप से सक्रिय रहते हैं लेकिन वह शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय नहीं रहते. वहीं दूसरी ओर वे लोग जिन्हें काम के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है वे मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से सक्रिय रहते हैं.
लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि फिट रहने के लिए आप अपनी अच्छी खासी जॉब को छोड़ दें या फिर जॉब के चक्कर में अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करें. बेहतर होगा कि आप अपनी मौजूदा जीवनशैली में ही थोड़ा परिवर्तन कर लें. समय निकाल कर जिम या वॉक करने जाएं. ऑफिस में भी रहते हुए आप जितना हो सके चलते-फिरते रहा करें. खाने के बाद 20 मिनट की वॉक लेना भी स्वास्थ्य को ठीक रखता है.
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