Menu
blogid : 313 postid : 610759

साहब पर खूब फबता था काला रंग

dev anandकोई भी हिरोइन पर्दे पर उनकी बहन की भूमिका अदा नहीं करना चाहती थी, जिसकी एक झलक पाने के लिए हजारों लड़कियां लाइन में खड़ी रहती थीं, टेनिस खिलाड़ी बनने की चाह ने जिसे बॉलिवुड का दमकता सितारा बना दिया, जिसका हर एक स्टाइल आज भी दर्शक पसंद करते हैं….




इतना सब कुछ बताने के बाद भी अगर अभी तक आप हमारा इशारा नहीं समझ पाए तो आपको अपनी सिनेमा की जानकारी को और बढ़ाने की जरूरत है. एवरग्रीन देव आनंद किसी पहचान के मोहताज तो नहीं हैं लेकिन फिर भी आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको उनके बारे में कुछ ऐसी जानकारी बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आपको यह बात स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर क्यों देव आनंद को स्टाइल आइकन का दर्जा दिया जाता है.


अब मैं उनकी ‘स्वीटहर्ट’ नहीं रही


dev देव आनंद की टोपी: देव आनंद की टोपी ने उनके चार्म को और ज्यादा बढ़ाया था. देव आनंद और उनकी टोपी का मेल हर फिल्म में देखा गया. ऐसा नहीं है कि जब वह टोपी नहीं पहनते थे तो उनकी लोकप्रियता में कोई कमी आती थी लेकिन जब उनके सिर पर टोपी होती थी तो उनका यह स्टाइल बड़े से बड़े आइकन को भी मात दे देता था. ज्वेल थीफ फिल्म में देव आनंद ने चेक में एक टोपी पहनी थी जिसे वह प्यार मोहब्बत फिल्म की शूटिंग के समय कोपेनहेगन से लाए थे.


हॉट दिखने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है


800 जैकेट के मालिक: देव आनंद को जैकेट पहनना बहुत पसंद था. आप मानें या ना मानें लेकिन देव आनंद के पास पीले, काले, भूरे रंग की करीब 800 जैकेट थी. उन्हें लाल रंग पसंद तो था लेकिन अपनी लाल रंग की जैकेट वो कम ही पहनते थे.




कंधों पर स्वेटर बांधने का स्टाइल: मोहब्बतें में आपने शाहरुख खान का अपने कंधों पर स्वेटर पहनने का स्टाइल तो देखा होगा. लेकिन यह शाहरुख का अपना स्टाइल नहीं था और ना ही यह स्टाइल कहीं पहली बार कवर किया गया था क्योंकि अपने समय में देव आनंद इस स्टाइल में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले अभिनेता थे.




dev anandदेव आनंद का ‘ब्लैक’ कनेक्शन: देव आनंद पर काला रंग इतना खिलता था कि उन्हें देखकर लड़कियां खुद पर काबू नहीं रख पाती थीं. फिल्म काला पानी की शूटिंग के बाद देव आनंद के काला रंग पहनने पर बैन लगा दिया गया क्योंकि उन्हें ब्लैक ड्रेस में देखकर लड़कियां अपनी छतों तक से कूद जाती थीं.



पति के दोस्त से दोस्ती करने के फायदे


देव आनंद के भीतर जीने का एक अजीब सा नशा था, एक अजीब सा जुनून था. उनके जीवन में कई बार असफलता का दौर आया, जिससे वह प्यार करते थे (सुरैया) उनके साथ वह जीवन नहीं बिता पाए, आलोचकों ने उनकी कई बार आलोचना भी की लेकिन उन्होंने कभी अपने जीने के तरीके में बदलाव नहीं किया. एवरग्रीन कहे जाने वाले देव आनंद हमेशा अपने करीबियों से यही कहते थे कि ‘मेरी फिक्र मत करो मैं तो 100 साल तक जीऊंगा’ लेकिन अफसोस 88 वर्ष की उम्र में 3 दिसंबर 2011 को लंदन में उनकी मृत्यु हो गई.




सास को रिझाने के मजेदार टिप्स

पहली डेट बहुत खास होती है

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh