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शारीरिक आकर्षण को प्रेम समझते युवा

youth infatuationपार्कों में या किसी अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आपने अकसर किशोरवय प्रेमी जोड़ों को देखा होगा. वह अपने प्रेम में इस हद तक डूबे हुए होते हैं कि उन्हें आसपास की दुनियां की कोई फिक्र नहीं होती. इनको देखकर आपको बहुत अजीब लगता होगा और यह भी सोचते होंगे कि जब आप अपने किशोरावस्था से गुजर रहे थे तो ऐसा कुछ करने के बारे में सोचना भी मुमकिन नहीं था.

भले ही किशोरावस्था में किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाने से परहेज रखने की बात की जाती हो लेकिन अकसर यही देखा जाता है कि हमारी युवा पीढ़ी स्कूल-कॉलेज में साथ पढ़ने के दौरान ही गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़ जाती है. ऐसा नहीं है कि उन्हें एक-दूसरे से प्रेम हो जाता है, इस आयु में वह केवल एक दूसरे के प्रति शारीरिक रूप से ही आकर्षित होते हैं. यही कारण है कि आधुनिकता से ग्रस्त हमारी युवा-पीढ़ी किशोरावस्था में ही शारीरिक संबंधों में लिप्त हो जाती है. वैसे तो वैज्ञानिक तौर पर यह स्पष्ट किया जा चुका है किशोरावस्था में संबंध स्थापित करने से सेहत को भी नुकसान पहुंचता है, लेकिन एक नए अध्ययन ने यह बात भी स्थापित कर दी है कि जो महिलाएं किशोरावस्था में शारीरिक संबंध बनाती हैं, उनका आगामी जीवन सफल नहीं हो पाता.


यूनिवर्सिटी ऑफ इवोआ के शोधकर्ताओं ने पाया कि शादी से पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाना महिलाओं के वैवाहिक जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. उनके अपने पति से मनमुटाव और संबंधों में दरार पड़ने की संभावनाएं अपेक्षाकृत बढ़ जाती हैं. हैरान कर देने वाली बात यह है कि जहां महिलाओं के लिए ऐसे संबंध तलाक का कारण बनते हैं वहीं पुरुषों के वैवाहिक जीवन में इससे कोई खास अंतर नहीं पड़ता. किशोरावस्था में शारीरिक संबंध बनाने के बावजूद वह एक खुशहाल वैवाहिक जीवन जीते हैं.


सर्वेक्षण में शामिल 31% प्रतिशत महिलाएं, जिन्होंने किशोरावस्था में ही शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए थे, वैवाहिक जीवन के पांच वर्ष के भीतर और 47% महिलाएं विवाह के 10 वर्ष के भीतर ही अपने पति से तलाक ले चुकी हैं.


इस शोध की रिपोर्ट में पति-पत्नी में मनमुटाव के कारण और उनके तलाक की वजहों के बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ वर्णित नहीं किया गया है. लेकिन मात्र इसी वजह से तलाक हो जाने की बात थोड़ी अटपटी लगती है. क्योंकि वैवाहिक संबंध का निर्वाह करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसमें भावनाओं और आपसी समझ का होना बहुत जरूरी है. विवाह से पहले संबंध बनाया जाना विदेशों में मात्र एक प्रचलन के रूप में देखा जा सकता है. महिलाएं हो या पुरुष दोनों ही ऐसे संबंधों को स्थापित करने में कोई गुरेज नहीं करते. लेकिन हां, वहां वैवाहिक संबंधों में आपसी भावनाओं का महत्व बहुत कम है. शायद यह एक वजह हो सकती है तलाक की.


भारतीय समाज में विवाह से पहले शारीरिक संबंध स्थापित करना पूर्णत: अनैतिक माना जाता है. लेकिन फिर भी व्यक्ति अपनी शारीरिक इच्छाओं और जिज्ञासाओं को पूरा करने के लिए विवाह से पहले या फिर किशोरावस्था में ही ऐसे संबंधों के प्रति आकृष्ट होने लगते हैं. उनका मानना है कि शारीरिक संबंध ही प्रेम-संबंधों को अपने मुकाम तक पहुंचा सकते हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि प्रेम को निभाने के लिए शारीरिक संबंधों की स्वीकार्यता व्यक्ति को भोगी बना देती है. प्रेम अपने आप में एक संपूर्ण शब्द है जिसे तब तक किसी अन्य आकर्षण की जरूरत नहीं पड़ती जब तक वह सच्चा हो. हां, अगर प्रेम संबंध का आधार ही केवल शारीरिक आकर्षण है तो बिना संबंध स्थापित किए अफेयर को स्थायी नहीं रखा जा सकता.


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