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4 साल की उम्र में खोया पैर, फिर भी किया अपना सपना पूरा

किसी लक्ष्य को पाने में अनेक बाधायें रास्ते में आती है. ये अड़चन कभी आर्थिक, कभी मानसिक, तो कभी शारीरिक रूप से व्यक्ति को उसके लक्ष्य से दूर ले जाती है, पर कहते हैं जिसके हौसले बुलंद हो उसको अपने लक्ष्य को पाने से कोई नहीं रोक सकता, देर से ही सही पर सफलता की प्राप्ति अवश्य होती है. इसका जीता जागता उदहारण हैं ली जुहोंग, जिन्होंने एक एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर खोने के बावजूद अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा किया. 37 वर्षीय ‘ली’ चीन के एक छोटे शहर में 15 वर्षों से मरीजों का इलाज कर रही हैं. ली केवल 4  साल की थी जब एक ट्रक ने उनके पैरों को कुचल दिया और ‘ली’ की जान बचने के लिए उनकी टाँगों को काट दिया गया.

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लेकिन इस बहादुर बच्ची ने अपनी आशा नहीं खोयी और 8  साल की उम्र में अपने हाथों और लकड़ी से बनी छोटी बेंच की मदद से चलना सीख लिया. यह मुश्किल था, लेकिन ‘ली’ ने कभी अपनी विकलांगता को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया. मेडिकल डिग्री लेने के लिए उन्होंने  गाँव छोड़कर एक स्पेशल मेडिकल कॉलेज ज्वाइन किया और साल 2000 में अपने घर वापस आकर गाँव के  क्लिनिक में काम करने लगी. उसी दिन से गाँव के हजारों लोगों का इलाज करती हैं और जरूरत पड़ने पर मरीजों के घर पर भी विजिट करती हैं.

‘ली’ ने अपने गाँव में रहने वाले ‘लिउ जिंग्यान’ से शादी की ,जिन्होंने ली को उसका कैरियर बनाने में बहुत सपोर्ट किया और घर के देखभाल के लिए अपनी जॉब छोड़ दी.  इमरजेंसी में जब ‘ली’ को मरीज़ों को देखने के लिए पडोसी गाँव में जाना होता है, तब ‘लिउ’ उनको अपनी पीठ पर बिठाकर ले जाते हैं .


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लोकल मिडिया को बताते हुए ‘ली’ ने कहा – “मैंने वही किया जो मैं हमेशा  से करना चाहती थी “भले ही मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं मिला, फिर भी मैं एक क्षेत्रीय डॉक्टर के रूप में अपने गाँव वालों के लिए अपना काम करती रहूंगी. सामान्य व्यक्ति से तुलना करते हुए ‘ली’ कहती हैं कि -” मेरे रास्ते में अनेक मुश्किलें आई लेकिन ईश्वर भी उनकी मदद करता है जो स्वयं खुद की मदद करते हैं. ‘ली’ अपने 12 साल के बेटे के लिए रोल मॉडल हैं. और वो भी बड़ा होकर अपने माँ की तरह डॉक्टर बनना चाहता है …Next


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