वर्तमान समय के मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि बिना सोचे-समझे किसी पर भी विश्वास कर लेना स्वयं के साथ विश्वासघात करना है. विशेषकर प्रेम-संबंध जो सभी के जीवन में बेहद खास महत्व रखते हैं, उनमें जरा सी भी असावधानी घातक हो सकती है. प्रेम संबंधों का टूटना-बनना कोई बड़ी बात ना भी हो, लेकिन यह निश्चित तौर पर उस व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है जो स्वभाव से ज्यादा भावुक होता है. महिलाओं के मामले में ऐसे हालात ज्यादा देखने को मिलते हैं, जब उनका प्रेमी उन्हें डंप कर किसी और के साथ चला जाता है.
अगर आप भी एक सच्चे प्रेमी की तलाश में हैं, जो ताउम्र आपके साथ रहे और आपकी भावनाओं का मजाक ना बनाए तो एक नए सर्वेक्षण पर ध्यान दें जिसके अनुसार वे पुरुष जो स्वभाव से शर्मीले और दरियादिल होते हैं वह अपेक्षाकृत अधिक भरोसेमंद होते हैं. उनके अपने साथी को धोखा देने की संभावनाएं बहुत कम होती हैं. इसके अलावा वे पुरुष जो भावुक प्रकृत्ति के होते हैं, हर छोटी बात का ख्याल रखते हैं, वे अपनी साथी की भावनाओं को उपेक्षित नहीं रहने देते.
इस अनुसंधान के मुख्य शोधकर्ता मेथ्यू फेयरबर्ग का कहना है कि जो पुरुष स्वभाव से भावनात्मक और अंतर्मुखी होते हैं, उनमें धोखा देने की प्रवृत्ति बहुत कम होती है. इसके विपरीत वे पुरुष जो सभी के साथ घुल-मिलकर बात करते हैं या अपने गलत व्यवहार पर माफी नहीं मांगते वह समय पड़ने पर अपने साथी को धोखा देने में नहीं हिचकिचाते.
विदेशी पृष्ठभूमि पर आधारित इस शोध को भारतीय परिदृश्य से जोड़कर देखा जाए तो हम इस बात को नहीं नकार सकते कि यहां भी महिलाएं अकसर प्रेम में धोखा खाने जैसी शिकायत करती रहती हैं. इसके पीछे एकमात्र कारण यही है कि पुरुष महिलाओं की भावनाओं को महत्व देना आवश्यक नहीं समझते. पुरुषों के विषय में यह माना जाता है कि उनकी प्रकृति ही अस्थिर है. वे लंबे समय तक किसी एक युवती के साथ समय नहीं बिता पाते. वह ना चाहते हुए भी अपनी साथी को धोखा दे बैठते हैं या फिर उसकी भावनाओं को चोट पहुंचा कर संबंध विच्छेद कर लेते हैं. ऐसी परिस्थितियों में इस शोध के नतीजे कितने कारगर सिद्ध हो सकते हैं इसके बारे में पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना सही नहीं होगा. हालांकि विवाह के पश्चात पुरुष अधिक परिपक्व और जिम्मेदार हो जाते हैं, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि अधिकांश पुरुष ही एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में संलिप्त रहते हैं.
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