यह बात हम सभी भली प्रकार जानते और समझते हैं कि विवाहेत्तर संबंध में संलिप्त रहने वाले लोगों का पारिवारिक जीवन पूरी तरह उलझ जाता है. जीवन में पति या पत्नी के आने के बाद किसी अन्य व्यक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का आकर्षण रखना जहां पूर्णत: अनैतिक समझा जाता है वहीं अगर यह आकर्षण किसी प्रकार के संबंध में परिवर्तित हो जाता है तो यह परिवार की खुशहाली पर ग्रहण से कम नहीं होता.
लेकिन हाल ही में हुए एक शोध ने यह प्रमाणित किया है विवाहेत्तर संबंधों के दुष्प्रभाव जहां परिवार की आंतरिक खुशहाली को प्रभावित करते हैं वहीं इन संबंधों में लिप्त रहने वाले लोगों के जीवन को भी हर समय खतरा बना रहता है.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो अपने जीवन साथी के पीठ पीछे अन्य किसी व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं उन्हें हृदयघात की संभावना अत्याधिक बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु भी हो सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जब वह अपने से छोटी महिला के साथ संबंध स्थापित करते हैं तो उन्हें मानसिक तनाव से भी दो-चार होना पड़ता है.
रिपोर्ट संबंधित सूचनाएं कुछ दिन पहले डेली मेल नामक समाचार पत्र में प्रकाशित की गईं, जिसमें यह कहा गया है कि हार्ट अटैक से उबरने वाले व्यक्तियों को अगर सीढ़ियां उतरने या चढ़ने में कोई परेशानी नहीं होती तो वह एक सप्ताह के भीतर शारीरिक संबंध स्थापित कर सकते हैं. बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन द्वारा संपन्न इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ग्लैन लिवाइन का कहना है कि लगभग 6,000 मामलों को स्टडी करने के बाद यह स्थापित किया गया है कि वे लोग जो हार्ट अटैक के बाद शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं उनकी मृत्यु होने की संभावना केवल 0.6 प्रतिशत ही रहती है, जिसमें से करीब 90 प्रतिशत लोग वे थे जो अवैध संबंधों में लिप्त थे. ग्लैन का यह भी कहना है कि उनके पास कभी ऐसे मरीज नहीं आए जिन्होंने अवैध संबंधों के कारण दिल पर पड़ने वाले प्रभावों में रुचि दिखाई हो.
इस अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यद्यपि सेक्स एक ऐसा विषय है जिसमें मरीज कभी अपने डॉक्टर से खुल कर बात नहीं कर पाता लेकिन डॉक्टर को दिल की बीमारियों से जूझ रहे अपने मरीजों को पूरी जानकारी देनी चाहिए.
इस स्टडी के बाद एक और बात सामने आई है कि शारीरिक संबंध हार्ट अटैक की संभावना को काफी हद तक बढ़ा सकता है. इस बात से भी कोई खास अंतर नहीं पड़ता कि व्यक्ति पहले से ही किसी दिल की बीमारी से जूझ रहा है या नहीं.
यह अध्ययन अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा स्थानीय नागरिकों को केंद्र में रखकर किया गया है केवल इसी आधार पर इसे नजरअंदाज कर देना सही नहीं है. अवैध संबंधों के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं यह बात प्राय: हर वह व्यक्ति समझता है जिसके लिए उसके परिवार की खुशहाली सर्वोपरि है. स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के अलावा अगर हम भावनात्मक और मानसिक प्रभावों को तरजीह दें तो शायद आज के तथाकथित आधुनिक व्यक्तियों के इस ओर बढ़ते रुझान को कम किया जा सकता है.
विवाह से बेहतर है लिव-इन संबंध बनाना !!
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