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एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं भारतीय दंपत्ति

extra marital affair in indiaअभी तक हम इसी धारणा का अनुसरण करते आए है कि परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण ही विवाहित दंपत्ति एक-दूसरे के साथ से वंचित हो जाते हैं. एक साथ रहते हुए उनके बीच आपसी समझ इस हद तक विकसित हो जाती है कि अगर वह आपस में समय ना भी बिता पाएं तो वह इसकी शिकायत नहीं बल्कि परिवार के प्रति दूसरे की प्रतिबद्धता को सराहते ही हैं. लेकिन एक नई स्टडी के बाद जो नतीजे सामने आए हैं उसके बाद यह अवधारणा निरर्थक ही प्रतीत होती है.


हाल ही में हुए एक शोध ने यह प्रमाणित किया है कि एक साथ रहने और खुशहाल दिखने वाले भारतीय दंपत्तियों के वैवाहिक संबंध इतने सुखद और सहज नहीं होते जितना की वह प्रदर्शित करते हैं. विवाह के कुछ समय बाद एक-दूसरे को समय ना देने के पीछे पारिवारिक जिम्मेदारियां और कर्तव्य का हवाला देने वाले अधिकांश व्यक्ति विवाहेत्तर संबंधों में संलिप्त होते हैं अन्य देशों में रह रहे दंपत्तियों की तुलना में भारतीय दंपत्तियों के बीच दूरियां सबसे अधिक होती हैं.


हालांकि मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि भारतीय परिवारों की संरचना, निजता की कमी और दिनोंदिन बढ़ता काम का दबाव व्यक्तियों को एक-दूसरे से दूर करता है, लेकिन अवैध संबंधों में संलिप्तता भी इसमें एक बहुत बड़ी भूमिका निभाती है.


लोग वैवाहिक संबंध के इतर चल रहे अपने प्रेम-प्रसंग में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं कि वह अपने जीवनसाथी को अहमियत देना भूल जाते हैं. अपने प्रेमी या प्रेमिका से ना उन्हें सिर्फ मानसिक सुकून मिलता है बल्कि वह उसके साथ शारीरिक संबंध भी बना लेते हैं.


एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर में लिप्त व्यक्ति जब घर आता है तो यहां भी वह अपने पति या पत्नी की तुलना अपने नए लव-इंट्रस्ट से करने लगता है. परिणामस्वरूप उनके वैवाहिक जीवन में तनाव और दूरियां बढ़ने लगती हैं.


अगर आप यह सोच रहे हैं कि केवल वही जोड़े जिनमें से एक व्यक्ति अवैध संबंधों को स्वीकार कर चुका है, का वैवाहिक संबंध बुरे दौर से गुजर रहा होता है अन्यथा सब कुछ बेहद सामान्य रहता है, तो आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि पति-पत्नी में दूरियां सिर्फ कोई तीसरा व्यक्ति ही नहीं बढ़ाता बल्कि दिनोंदिन लोकप्रिय होते आधुनिक और नवीन तकनीकों से लैस इलैक्ट्रॉनिक गैजेट भी उन्हें एक-दूसरे से दूर रखने के लिए उत्तरदायी होते हैं.


प्राय: देखा जाता है कि काम से घर लौटा व्यक्ति अपने साथी के साथ समय बिताने की बजाय लैपटॉप और अत्याधुनिक मोबाइल फोन पर सर्फिंग करते या नेट पर मौजूद अपने दोस्तों से गपशप करने में ही बिता देता है. ऐसा कर जहां आप अपने साथी की अपेक्षाओं को नजरअंदाज करते हैं वहीं वैवाहिक जीवन में तनाव के आगमन के लिए रास्ता भी खोलते हैं.


अगर आप अपने साथी की भावनाओं को महत्व नहीं देंगे तो ऐसे में निश्चित है वह संबंध के बाहर अपने लिए कोई सहारा ढूंढ़ेगा. वह एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करेगा जो ना सिर्फ उसे समझे, बल्कि उसके हर सुख-दुख में उसके साथ खड़ा रहे. संबंधों में भावनाओं का आदान-प्रदान होना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि यह एकमात्र ऐसा रास्ता है जिसके द्वारा आप अपने साथी को उसकी अहमियत और उसके प्रति अपने लगाव का इजहार कर सकते हैं. इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके निजी संबंध खुशहाल बने रहें तो आपका अपने साथी को महत्व देना बहुत जरूरी है. जो समय आप कंप्यूटर या लैपटॉप पर बिता देते हैं उसे अगर आप अपनी पत्नी के साथ गुजारेंगे तो यह निश्चित रूप से आपके संबंध को मजबूत आधार प्रदान करेगा.


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