आप कपड़ों की शॉपिंग के लिए जाती हैं लेकिन जब आप घर वापस लौटती हैं तो आपका वॉलेट पूरी तरह खाली होता है क्योंकि आप बजट से ज्यादा शॉपिंग कर आती हैं. गई तो कपड़े लेने के लिए थी लेकिन आते समय आपके हाथ हर वो सामान है जिसकी शॉपिंग जरूरी नहीं थी लेकिन उन्हें खरीदते समय आप खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाईं और अब जब खर्चा ज्यादा हो गया है तो आपको अपनी इस फिजूलखर्ची पर पछतावा हो रहा है.
हालांकि अपवाद हर जगह होते हैं लेकिन लड़कियों को शॉपिंग करना बहुत पसंद होता है यह कहना भी गलत नहीं होगा कि शॉपिंग ही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी होती है लेकिन जरा सोचिए अगर आपकी यही कमजोरी आपको वित्तीय संकट में डाल रही है, आपको अत्याधिक खर्च करने के लिए विवश कर रही है तो क्यों ना ऐसी कमजोरी से जल्द से जल्द पीछा छुड़ाया जाए.
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अगर आप भी उन्हीं लड़कियों में से एक हैं जो खुद को शॉपिंग पर पैसा व्यय करने से रोक नहीं पातीं तो हाल ही में हुआ एक अध्ययन आपके बहुत काम आ सकता है.
ड्यूक यूनिवर्सिटी द्वारा संपन्न इस अध्ययन में यह पाया गया है कि वे लोग जिनका खुद पर नियंत्रण बहुत कम होता है अगर वह उन लोगों से दोस्ती या निकटता ज्यादा रखें जो बड़ी आसानी के साथ खुद को नियंत्रित कर लेते हैं तो इस समस्या का समाधान भी चुटकियों में निकल सकता है. ड्यूक यूनिवर्सिटी से संबंधित वैज्ञानिक कैथरीन शीया, ग्रेन फिट्जिमंस और एरिन डिवेसन द्वारा संपन्न इस अध्ययन के दौरान विभिन्न तरह के परीक्षण किए गए जिनमें से एक रियल लाइफ रोमांटिक लाइफ पार्टनर्स पर आधारित था.
पहले सर्वेक्षण के दौरान प्रतिभागियों को दो समूहों में बांट दिया गया. दोनों समूह के लोगों को वीडियो दिखाया गया और एक समूह के लोगों को वीडियो के दौरान स्क्रीन पर प्रदर्शित होने वाले शब्दों को ना पढ़ने की हिदायत दी गई, जबकि दूसरे ग्रुप को ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया.
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इसके बाद दोनों समूह के लोगों को तीन में से एक कार्यालय प्रबंधकों (एक जो खुद पर बिल्कुल नियंत्रण नहीं रख पाते थे, दो पूरी तरह नियंत्रित थे और तीसरे जो दोनों भाव समान रूप से रखते थे) पर आधारित लघुचरित्र दिखाए गए और उनके नेतृत्व क्षमता के अनुसार उन्हें रेट करने के लिए कहा गया. इस दौरान देखा गया कि जो लोग खुद को बिल्कुल भी नियंत्रित नहीं रख पाते थे उन्होंने उस प्रबंधक को सबसे ज्यादा नंबर दिए जो खुद को नियंत्रित कर पाने में पूरी तरह सक्षम थे और जो लोग खुद पूरी तरह नियंत्रित रहते थे उन्होंने अनियंत्रित प्रबंधकों को अधिकतम नंबर दिए.
इतना ही नहीं लगभग 136 रोमांटिक कपल पर हुए इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि वे लोग जो खुद पर नियंत्रण रखने की हालत में नहीं होते वे अपने पार्टनर पर ज्यादा निर्भर रहते हैं, क्योंकि वो आत्मनियंत्रित स्वभाव का होता है.
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उपरोक्त अध्ययन को अगर भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखा जाए तो बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पातीं वहीं पुरुषों में यह कमी उस समय देखी जाती है जब वह किसी पर क्रोधित हो रहे होते हैं. ऐसे में अगर अगली बार जब आप शॉपिंग के लिए जाएं तो या तो अपने हस्बैंड को या फिर उस सहेली को लेकर जाएं जो खुद को नियंत्रित रखने में पूर्णत: सफल होते हैं. वहीं अगर पतिदेव अगली बार गुस्सा करने लगें तो उन्हें अपनी पत्नी के सेल्फ कंट्रोल करने की क्षमता पर ध्यान जरूर देना चाहिए.
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