संस्कार और संस्कृति ऐसे शब्द है जिसकी कोई सटीक परिभाषा नहीं है. हर किसी के लिए संस्कार के मायने अलग है जैसे गांवों में लड़कियों के नौकरी करने को कुछ दकियानूसी विचारधारा रखने वाले लोग संस्कारों के विरुद्ध मानते हैं. जबकि शहरों में नौकरी पेशा लड़कियों को सशक्त माना जाता है. इसी तरह से सबके लिए संस्कारों का दायरा अलग है. बहरहाल संस्कार का शोर इस बार सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर दिखाई दे रहा है. भारत में रिलीज होने वाली जेम्स बॉन्ड सीरीज की 24वीं फिल्म ‘स्पेक्टर’ में सेंसर बोर्ड ने जमकर कैंची चलाई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि लम्बे किसिंग सीन को अश्लील मानते हुए कई सीन्स की लम्बाई कम की गई है. बस फिर क्या था, इस खबर के वाइरल होते ही सोशल नेटवर्किंग प्रेमियों ने सेंसर बोर्ड की इस खबर को आड़े हाथों लेकर जमकर खिचांई शुरू कर दी. लोगों ने विरोध का अनोखा तरीका निकालते हुए ट्विटर और फेसबुक पर मजेदार फोटो शेयर करने शुरू कर दिए. वहीं दूसरी ओर ट्विटर #sanskarijamesbond ट्रेंड करने लगा. आइए हम आपको बताते हैं सोशल साइट्स पर वाइरल हुई मजेदार तस्वीरें के बारे में.
बिना कट की गई ओरिजनल फिल्म में जेम्स और उनकी नायिका को एक साथ बाथरूम में रोमांस करते हुए दिखाया गया है जिस पर सेंसर की कैंची चलने पर इस तरह मजाक उड़ाया गया.
आमतौर पर किसी भी कपल पार्क में ऐसा नजारा आम हो गया है एक यूजर ने इस तरह की फोटो शेयर करके इस तरह की फन्नी लाइन लिख डाली.
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हमारी बॉलीवुड फिल्मों में बिकनी पहनने के लिए हिरोइनें बेशक कड़ी मेहनत करती हो लेकिन जेम्स बॉन्ड में ऐसी अश्लीलता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस फोटो को देखकर आप हिरोइन के संस्कारों का एक नजर में अन्दाजा लगा सकते हैं.
सावधान हो जाएं, आपके फेसबुक प्रोफाइल पर है इनकी नजर
संस्कारी जेम्स बॉन्ड.
एक दूसरे के गले लगना है तो पूरे कपड़ों के साथ. वरना ये भी संस्कारों के विरुद्ध माना जाएगा. दाई ओर खड़े आलोक नाथ और उनके साथ खड़ी लड़की जेम्स बॉन्ड को यही हिदायत देते दिख रहे हैं.
जेम्स बॉन्ड के आधुनिक गैजेट को भी संस्कारों के विरुद्ध माना जा सकता है. इसलिए देशी स्टाइल वाले जेम्स बॉन्ड को संस्कारी माना जाएगा…Next
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