छरछरी काया वाली हॉट मॉडल्स को देखकर आपका मन भी उनके जैसी फिगर पाने के लिए ललचाता होगा. आप चाहते हुए भी अपना ध्यान उनकी पतली कमर से हटा नहीं पाते लेकिन अफसोस जब खुद का वजन कम करने की बात आती है तो उस पतली कमर और हॉट बॉडी का सपना, बस एक सपना बनकर बहुत ही जल्द आंखों से ओझल हो जाता है. सच बताएं तो जितनी जल्दी आप उस सपने को देखना बंद कर दें और हकीकत की दुनिया में वापस आ जाएं वहीं आपके लिए अच्छा है क्योंकि जिन मॉडल्स की फिगर को देख आप ललचाने लगते हैं असल में वह सिर्फ और सिर्फ फोटोशॉप का कमाल है.
शायद आप हमारी बातों पर यकीन ना करें लेकिन सच यही है कि हॉलिवुड एक्ट्रेसेज और मॉडल्स जिनकी फिगर की तो बॉलिवुड परियां भी फैन हैं, इतनी पतली और कुपोषित होती हैं कि उनके शरीर पर थोड़ा सा मांस दिखाने के लिए भी फोटोशॉप की सहायता लेनी पड़ती है.
प्रख्यात लाइफस्टाइल मैगजीन कॉस्मोपॉलिटन की पूर्व संपादक लीया हार्डी का कहना है कि कई मॉडल्स तो इतनी पतली होती हैं कि उन्हें देखकर भी डर लग जाता है. इतना ही नहीं जब सेहत की बात आती है तो खाना ना खाने या नाममात्र का खाना खाने की वजह से कुछ मॉडल्स की हालत, उनका स्वास्थ्य बहुत ज्यादा बिगड़ा हुआ होता है.
ब्रिटेन की टॉप सेलिंग हेल्थ मैगज़ीन के संपादक का भी यही कहना है कि मॉडल्स को मोटा और स्वस्थ दिखाने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है. वोग मैगेजीन के क्रिएटिव डायरेक्टर रॉबिन डेरिक का कहना है कि पहले वो अपने फोटोग्राफर्स को मॉडल्स को पतला दिखाने के लिए कहते थे और अब जब मॉडल्स इतनी पतली होती जा रही हैं तो फोटोग्राफरों को उन्हें मोटा दिखाने के लिए कहा जाता है.
सही भी है क्योंकि अगर आप पहले की अभिनेत्रियों और मॉडल्स को देखेंगे और उनकी तुलना आज की जीरो साइज या माइनस जीरो साइज फिगर वाली मॉडल्स से करेंगे तो आपको भी फर्क साफ समझ आ जाएगा. आपको शायद पता ना हो लेकिन हॉलिवुड मॉडल्स और अब कुछ हद तक इंडियन मॉडल्स सिर्फ इस डर से कि वे मोटी ना हो जाएं, खाने में सिर्फ टिश्यू पेपर का सहारा लेती हैं.
जी हां, जब उन्हें भूख लगती है तो वे टिश्यू पेपर खाती हैं. मैगजीन के कवर पेज पर या अन्य जगह प्रयोग की जाने वाली उनकी तस्वीरों में उन्हें परफेक्ट दिखाने के लिए तकनीकों का जी भर कर प्रयोग किया जाता है. जिस मॉडल की कमर सिर्फ 22 इंच होती है उसे पर्दे पर देखकर आप आकर्षित तो नहीं होंगे, आपके मुंह से बस यही निकलेगा ‘ये कुछ खाती-पीती भी है या नहीं’.
अगर आपको लगता है कि ये हालात पाश्चात्य देशों के हैं तो यहां आप गलत हैं क्योंकि टिश्यू पेपर खाने जैसी बात जो हमने आपको बताई है वो भारतीय मॉडल्स पर भी सटीक बैठती है. वो भी अब पतले रहने के लिए टिश्यू खाती हैं, अरे भई, करीना कपूर तो जीरो साइज फिगर तक भी पहुंच गई थीं. अब सोच लीजिए आपको पतला होना है या हेल्दी रहना है. फिट रहने और दुबले-पतले होने के बीच बहुत बड़ा अंतर होता है. खुद को फिट रखना अच्छी बात है लेकिन छरछरी काया पाने के लालच में खाने को बिल्कुल बाय-बाय कहना आपका डिपार्टमेंट नहीं है क्योंकि आप एक आम भारतीय हैं, कोई हॉलिवुड मॉडल नहीं.
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