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डाइटिंग करें लेकिन सोच-समझ कर

dietingप्राय: देखा जाता है कि हमारे युवा अपनी फिटनेस को लेकर बहुत संवेदनशील रहते हैं. अपने वजन को कम करने और आकर्षक काया पाने के लिए वह क्या-क्या नहीं करते. युवतियां जहां फिल्म की हिरोइन जैसा दिखने के लिए डाइटिंग के नाम पर भूखा रहना मंजूर करती हैं वहीं पुरुष मजबूत काठी पाने के लिए जिम जाकर घंटों पसीना बहाने में भी कोई बुराई नहीं समझते. सुंदर और आकर्षक दिखना कोई बुरी बात नहीं है. इसके विपरीत दूसरों से बेहतर दिखना तो आज के समय की मांग बन चुका है. सुंदर दिखने के लिए युवा क्या करते हैं और कैसे तरीकों को अपनाते है यह बात थोड़ी चिंतनीय है.


युवक तो फिर भी जिम इंस्ट्रक्टर की देख-रेख में एक स्वस्थ शरीर पाने की कोशिश करते हैं लेकिन महिलाएं तो स्वयं ही इस बात का निर्णय कर लेती हैं कि उन्हें कैसे वजन कम करना है. निश्चित रूप से यह कदम उनकी नासमझी की ओर इशारा करता है.


टी.वी. पर आने वाले कार्यक्रमों और बाजार में मिलने वाली किताबों में वजन करने की जो जानकारी प्रदान की जाती है, प्राय: देखा जाता है कि ज्यादातर महिलएं उन निर्देशों को ही आदर्श मानकर बिना सोचे-समझे उनका अनुसरण करने लगती हैं. उन्हें ना तो अपने स्वास्थ्य के विषय में जानकारी होती है और ना ही उन्हें यह पता होता है कि उनके शरीर की संरचना के हिसाब से कैसी डाइटिंग और कसरत सही रहेगी. उनका ध्येय तो बस अपना वजन कम करना होता है.


फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिना सोचे-समझे डाइटिंग या एक्सरसाइज करना बिलकुल वैसा ही है जैसे लापरवाही से गाड़ी चलाना. दोनो ही हालातों में नुकसान आपको ही होगा. इसीलिए आपको सोच-समझकर सही कदम उठाना चाहिए.


पायल गिडवानी, जो स्वयं एक प्रतिष्ठित फिटनेस एक्सपर्ट और लेखक है, का कहना है कि उन्होंने अपनी किताब में कई ऐसे प्राणायाम और अन्य योगासनों की चर्चा की है जिनसे वजन कम हो सकता है. लेकिन किसी भी एक्सपर्ट को यह पता नहीं होता कि पाठक, जो किताब में दिए गए सुझावों पर अमल करने वाला है, किन परिस्थितियों में है, उसका शारीरिक स्वास्थ्य और संरचना कैसी है. यही कारण है कि जो सुझाव एक व्यक्ति के लिए कारगर सिद्ध होते है दूसरे व्यक्ति के लिए वह हानिकारक बन जाते हैं.


दूसरों की देखा-देखी हमारे युवा उन नियमों को अपना लेते हैं जो वास्तव में उनके शरीर के हिसाब से सही नहीं हैं. भारी कसरत करते हुए कभी-कभार उन्हें चोट लग जाती है या ज्यादा भूखा रहने से वह भीतरी कमजोरी के भी शिकार हो जाते हैं. वजन कम करने का सबसे बेहतर तरीका है संतुलित आहार और जरूरी व्यायाम.


आज सभी की दिनचर्या इतनी ज्यादा व्यस्त हो गई है कि समय निकालकर जिम जाना तक भारी पड़ जाता है. यही कारण है कि अधिकांश युवा इन किताबों की ओर आकर्षित होने लगे हैं.


आज टी.वी. पर कई बड़े अभिनेता और लोकप्रिय हस्तियां ऐसी पुस्तकों और उत्पादों का प्रचार करते हुए देखे जाते हैं, जो कुछ ही समय में वजन कम करने जैसे दावे करते हैं. लेकिन इन दावों के पीछे कितनी सच्चाई है यह तो उस व्यक्ति को ही पता चलता है जो इन किताबों पर पैसे खर्च करता है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी जेब और शरीर को कष्ट पहुंचाए बिना अपने शारीरिक जरूरतों पर ध्यान दें. आपका शरीर कितनी भारी कसरत कर सकता है, क्या खाना पचा सकता है, पहले इस बात को समझें उसके बाद ही कोई निर्णय लें.


फिटनेस सुझावों पर आधारित कुछ मुख्य किताबें


  • आइ एम नॉट स्ट्रेस्ड (डैनी पांडे)
  • फ्रॉम XL to XS ( पायल गिडवानी)
  • फिगर इट आउट (नमिता जैन)
  • डोंट लूस यूअर माइंड लूस यूअर वेट (रुजुता दिवेकर)

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