फरवरी माह के प्रारंभ होते ही प्रेमी जोड़ियों की उत्सुकता और उनका उत्साह अत्याधिक बढ़ने लगता है. उनके इस बढ़ते उत्साह का सबसे प्रमुख और शायद एकमात्र कारण चौदह फरवरी यानि कि वैलेंटाइन डे होता है. पूर्ण रूप से लव-बर्ड्स को समर्पित इस दिन को रोमांटिक बनाने के लिए प्रेमी जोड़े काफी पहले से इससे संबंधित योजनाएं बनाना शुरू कर देते हैं. लेकिन आज जब व्यक्तिगत भावनाओं के क्षेत्र में बाजार भी अपनी महत्वपूर्ण और शायद जरूरी भूमिका निभाने लगा है तो वैलेंटाइन डे केवल आपसी मसला ना रहकर कमाई का एक बड़ा साधन बन गया है. जहां एक ओर यह बाजार आपको खुल कर अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है वहीं बाजार के माध्यम से आप अपने प्रेमी को आकर्षक तोहफे भी दे सकते हैं.
लेकिन इस बार वैलेंटाइन डे पर बाजार की मंशा पहले के मुकाबले थोड़ी ज्यादा अलग है. क्योंकि इस बार बाजार ने प्रेमी जोड़ियों के बीच रोमांस या प्यार जैसे भावों को कोई महत्व नहीं दिया है. टेडी बियर, फूल, ग्रीटिंग कार्ड्स और अन्य भावपूर्ण तोहफों को दरकिनार कर बाजार अब कामुकता और भोग की भावना को प्रबल करने की फिराक में है.
पिछले साल भी ऐसा देखा गया कि वैलेंटाइन डे के आयोजन के लिए रेस्त्रां और डिस्को मालिक, प्रेमी जोड़ियों से कहीं ज्यादा उत्सुक नजर आ रहे थे. उन्होंने जोड़ियों के लिए कामसूत्र नाइट का आयोजन किया था जिसके अंतर्गत 14 फरवरी वाले दिन प्रेमी जोड़ियों की प्राइवेसी के लिए के लिए वहां रोमांटिक अंदाज में टेंट लगाए गए थे. इतना ही नहीं जो लोग रात को ठहरना नहीं चाहते थे उन्हें जाते समय वोडका में डूबे हुए चॉकलेट फूल दिए गए थे. एक सेक्स ट्वायज विक्रेता की मानें तो गत वर्ष उसने बहुत अच्छी खासी बिक्री की थी. मतलब साफ है कि अब हमारे युवाओं का शारीरिक संबंधों के प्रति बढ़ते उत्साह और क्रेज को बाजार भी मनचाहे ढंग से कैश कर रहा है. वर्तमान परिदृश्य के अनुसार आज हमारी प्रेम रूपी भावनाओं पर सेक्स पूरी तरह हावी हो चुका है. यही कारण है कि विवाह से पहले और विवाह के पश्चात अन्य व्यक्तियों के साथ शारीरिक संबंध होना आज के समाज की पहचान ही बन गई है.
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