अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी पारुल पर परिवार की ओर से शादी का दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि पारुल के जीवन में ऐसा कोई शख्स नहीं है जिससे वह विवाह करना चाहती हैं लेकिन वह इस बात को लेकर काफी असमंजस में है कि कहीं अपना जीवनसाथी के चुनाव में उससे कुछ गलती ना हो जाए.
सागर की परेशानी भी कुछ ऐसी ही है, फर्क बस यही है कि वह एक लड़की से प्यार करता है. लेकिन समझ नहीं पा रहा कि क्या वाकई वह अपनी प्रेमिका के साथ सारा जीवन बिता सकता है या नहीं. असल में ये दोनों में अकसर झगड़े हुआ करते हैं और कभी-कभार तो उसकी प्रेमिका उसे पूरी तरह नजरअंदाज कर देती है.
भारतीय समाज में विवाह उम्रभर साथ निभाने का वायदा और सामाजिक बंधन होता है जिसे तोड़ पाना बहुत मुश्किल है इसीलिए यह परेशानी ना सिर्फ हर उस लड़की को होती है जो शादी करने जा रही होती है बल्कि लड़कों को भी कुछ ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से दो-चार हो रहे हैं और निर्णय नहीं ले पा रहे कि आपको किस व्यक्ति को अपने जीवन में आने देना चाहिए और किसे नहीं तो हम आपको कुछ ऐसे सुझाव दे सकते हैं जिन पर अमल कर आप अपने लिए कुछ हद तक बेहतर जीवनसाथी का चुनाव तो अवश्य कर सकते हैं:
1. आपसी सम्मान की भावना: आप जिस व्यक्ति से विवाह करने की सोच रहे हैं, उससे लगाव हो ना हो लेकिन जरूरी है आप उसका सम्मान तो कर ही पाएं. इतना ही नहीं आप भी उसकी नजरों में सम्मानजनक स्थान रखते हों. क्योंकि किसी भी रिश्ते में सम्मान होना बहुत जरूरी है. वह आपकी बात को महत्व देता है या नहीं, आपके लिए खुद झुकने को तत्पर रहता है या नहीं आदि ऐसे कुछ कसौटियां हैं जिन पर खरा उतरने के बाद ही उससे विवाह करने के बारे में सोचें.
2. आपकी खुशी में उसकी खुशी है: ध्यान रखिए अगर आप दोनों के संबंध में कहीं भी जलन और ईर्ष्या की भावना विद्यमान है तो उसे आगे ना बढ़ाना ही बेहतर है. आपकी सफलता में आपके साथी को खुशी नहीं होती तो सोचिए उस संबंध का फायदा ही क्या है?
3. अपेक्षाओं को समझें: लड़का हो या लड़की प्राय: सभी अपने भविष्यगत साथी से जुड़ी कुछ अपेक्षाएं और उम्मीदें लगाते हैं जो कहीं न कहीं प्राथमिकताओं में शामिल होती हैं. आपने भी लगाई होंगी जिन्हें आप नजरअंदाज नहीं करना चाहते और सही यही है कि अगर वह वाजिब है तो नजरअंदाज करना भी नहीं चाहिए. क्योंकि अगर आप हर कदम पर समझौता करते हुए चलेंगे तो जीवन साथ काटना वाकई मुश्किल हो जाएगा.
4. शक जीवन बर्बाद कर सकता है: अगर आपका भावी साथी या प्रेमी शक की बीमारी से पीड़ित है तो एक बात तो आपको समझ लेनी चाहिए कि शक का अंत सिर्फ और सिर्फ संबंध विच्छेद ही होता है. आप कभी भी उस व्यक्ति के साथ खुश नहीं रह सकते जो शक की बीमारी से ग्रस्त हो.
5. चेहरा सब कुछ नहीं कहता: माना कि फर्स्ट मीटिंग में चेहरा सबसे बड़ी भूमिका अदा करता है लेकिन आप अपने जीवन साथी का चुनाव और उसका रिजेक्शन सिर्फ चेहरे को देखकर करते हैं तो यह गलत है. क्योंकि कभी कभार चेहरा बहुत कुछ छिपा जाता है लेकिन उसका दिल सब कुछ कहता है. इसीलिए उन्हें समझने की कोशिश करें.
दिल नहीं नाक करवाती है सच्चे प्रेम का एहसास
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