एक जमाना था जब अपने प्रेम का इजहार करने के लिए कबूतर का सहारा लिया जाता था. यकीन मानिए वो कबूतर इतना ईमानदार होता था कि आपके प्रेम पत्र को सीधे जाकर आपकी प्रेमिका के ही हाथ में देता था. भीड़ में वह आपकी प्रेमिका को पहचान लेता था और आपके प्यार का पैगाम उसे थमा देता था. हैरानी की बात तो है लेकिन अब यही देखा और पढ़ा है तो इस पर शक की गुंजाइश रखना लगभग नामुमकिन ही है. खैर यह तो बात हुई सीक्रेटली अपने प्यार का इजहार करने की, लेकिन तब क्या जब अपने दिल का हाल अपनी गर्लफ्रेंड तक पहुंचाने के लिए आपको पहले अपने प्यार क ढिंढोरा पीटना पड़ता है और वह भी आजकल युवाओं का सेकेंड होम बन चुके सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर.
अगर आप युवा हैं तो आप सोशल नेटवर्किंग साइटों के महत्व और आपके जीवन में इनके फायदे को अच्छी तरह समझते होंगे. आप यह भी जानते होंगे कि गाहे-बगाहे अपने क्रश को अपने दिल की बात बताने के लिए सोशल नेटवर्किंग विशेषकर फेसबुक का इस्तेमाल आजकल जोर-शोर से किया जा रहा है. एक अध्ययन की मानें तो अब फोन पर बात या मैसेज भेजकर लोग एक-दूसरे से इतनी बात नहीं करते जितनी फेसबुक पर चैटिंग या फिर स्टेटस अपडेट पर कमेंट कर के करते हैं.
हालत तो यह हो गई है कि यह जानते हुए भी कि उनकी बातें उनकी फ्रेंडलिस्ट में शामिल हर कोई यूजर आसानी से पढ़ सकता है, वह दिल खोलकर अपनी बातें अपने लव इंट्रस्ट तक पहुंचाते हैं. टाटा कंसल्टेंसी की ओर से करवाए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 75 प्रतिशत भारतीय युवा दोस्तों से संपर्क करने के लिए फोन कॉल्स की बजाय सोशल नेटवर्किंग को प्राथमिकता देने लगे हैं.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के जेन-वाई 2012-13 के सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड को खुश करना हो या झगड़े के बाद उसे मनाना हो तो भी युवा सोशल नेटवर्किंग की शरण में ही जाते हैं. इस अध्ययन के अंतर्गत 14 शहरों के लगभग 17,500 हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शामिल किया गया था जो अब सोशल नेटवर्किंग साइटों पर ज्यादा भरोसा करते हैं.
युवाओं में व्याप्त इस अवधारणा के कई कारण हो सकते हैं. शायद उनका मानना है कि अगर सार्वजनिक तौर पर वह अपने प्रेमी को अपने दिल की बात कहते हैं तो इससे यह जाहिर हो जाएगा कि वो उनके लिए सीरियस हैं, दूसरा हो सकता है काम के साथ-साथ अगर फेसबुक ऑन कर बात कर ली जाए तो यह शायद युवाओं को ज्यादा फायदेमंद लगता होगा.
खैर कारण चाहे जो भी हो लेकिन फेसबुक या सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अगर दोस्ती निभाई जाती है तो वह दोस्ती कितनी गहरी और पक्की होगी इसका अंदाजा भी स्वत: ही लग जाता है.
पति जब शक करने लगे तो….
शायद आपको लड़कों को पटाना ही नहीं आता
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