आज की भागदौड़ भरी और तनावग्रस्त जीवनशैली से जूझते लगभग सभी लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत परेशान रहते हैं. उनकी इस परेशानी का सबसे बड़ा कारण अपने खान-पान को लेकर लापरवाही बरतना है. फास्ट-ट्रैक जीवन में आज लोग पूरी तरह फास्ट फूड पर निर्भर हो गए हैं जो खाने और बनने में भले ही बहुत आसान हों लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से यह नकारात्मक ही सिद्ध होते हैं. ऐसा खाना वजन तो बढ़ाता ही है साथ-साथ अंदरूनी क्रियाओं के लिए भी हानिकारक सिद्ध होता है.
आज के युवाओं की चिंता की सबसे बड़ी वजह ही उनका बढ़ता वजन है. अति व्यस्त दिनचर्या होने के कारण वह अपने शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए ना तो शारीरिक व्यायाम के लिए थोड़ा समय निकाल पाते हैं और ना ही अपने आहार में जरूरी तत्वों की ओर ध्यान दे पाते हैं. लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं कि वजन के बढ़ने का कारण सिर्फ यह फास्ट-फूड और असंतुलित आहार ही हैं तो आपकी यह जानकारी आधी-अधूरी है. यह कोई जरूरी नहीं है कि अगर आप घर पर बना पौष्टिक और संतुलित खाना ही खाते हैं तो आपका वजन बिलकुल नहीं बढ़ेगा. आपका वजन बढ़ना या नियंत्रित रहना जितना आपके आहार पर निर्भर करता है उससे कहीं ज्यादा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपना खाना खाते कैसे हैं.
अगर आप अपना खाना सही तरीके से चबा कर खाने की अपेक्षा जल्दी-जल्दी निगलेंगे तो इससे आपका शारीरिक भार अनियंत्रित तरीके से बढ़ता रहेगा.
एक नए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर आप अपना खाना चबा कर नहीं खाते तो भले ही आप कितना ही संतुलित आहार ग्रहण कर लें या जिम जाकर पसीना बहाएं आप अपने वजन पर नियंत्रण नहीं पा सकते. शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में यह पाया कि मोटे लोगों की अपेक्षा पतले लोग खाना ज्यादा चबा कर खाते हैं इसीलिए उनका वजन नहीं बढ़ता. एक मुख्य बात जो इस शोध में प्रमाणित हुई है वो यह कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अपने खाने को ज्यादा चबा-चबा कर खाती हैं. पुरुष इस मामले में जल्दबाजी और लापरवाही ही दिखाते हैं.
वजन कम करने और खाने के सही ढंग को बताते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप भोजन की हर बाइट को 30-50 बार तक चबा कर खाते हैं तो यह आपको जल्दी ही अच्छे परिणाम दे सकता है. जबकि आमतौर पर लोग बस 10-15 बार ही चबाने का कष्ट करते हैं. हर बाइट को चबाने से आप खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर तंदुरुस्त महसूस करते हैं. इसके अलावा अपने दोपहर या रात के खाने में कच्ची सब्जियां और मौसमी फलों को भी शामिल करना एक अच्छा विकल्प है. जब आप चबा-चबा कर खाते हैं तो इससे आपके तनाव का स्तर तो कम होता ही है साथ ही आपका ध्यान अपने खाने पर होता है और आप अपनी आवश्यकता से ज्यादा नहीं खा पाते. इससे आप दिमागी तौर पर भी ज्यादा संतुष्ट रहते हैं.
अगर आप उपरोक्त सुझावों पर ध्यान देते हैं तो आप मात्र 30 दिनों में स्वयं फर्क महसूस कर सकते हैं.
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