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वजन कम करना हो तो खाना खाने से पहले उसे जी भर कर सूंघें

वर्तमान समय के मद्देनजर महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर बेहद चिंतित दिखाई देती हैं. उल्लेखनीय है कि सुंदर और आकर्षक दिखने के प्रति महिलाओं का यह स्वभाव अब किसी उम्र का मोहताज नहीं रह गया है. प्राय: देखा जाता है कि युवतियों के साथ-साथ अधेड़ उम्र की महिलाएं भी जिम और डायटिंग कर अपने वजन को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश करती हैं. वजन को लेकर सचेत रहने वाली महिलाएं बाहर के खाने से ज्यादा घर का सादा और संतुलित खाना ज्यादा पसंद करती हैं. कच्ची सब्जियां और फल उनके खाने का सबसे बड़ा भाग होते हैं.


smelling foodऐसे में अगर महिलाओं को किसी विवाह या सामूहिक डिनर पर जाना पड़े तो उन्हें यही डर सताता रहता है कि कहीं बाहर का मसालेदार और तला-भुना खाना खाकर उनका वजन ना बढ़ जाए. लेकिन एक नई स्टडी ने महिलाओं की इस परेशानी को बहुत हद तक कम कर दिया है और यह दावा किया है कि वे महिलाएं जिन्हें अकसर डिनर के लिए बाहर जाना पड़ता है वह अपेक्षाकृत अधिक सहज तरीके से अपने वजन को नियंत्रित या कम भी कर सकती हैं.


न्यूट्रिशन, एजुकेशन एंड बिहेवियर नामक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख के अनुसार शोधकर्ताओं ने माइंडफुल रेस्ट्रा ईटिंग नाम से एक मेडिटेटिव कार्यक्रम का आयोजन किया. छ: सप्ताह तक चले इस कार्यक्रम में ऐसे परिणाम सामने आए जिसकी कल्पना तक शोधकर्ताओं ने नहीं की थी.


वैसे तो इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाहर डिनर करने वाली महिलाओं को वजन पर ध्यान देना सिखाना था लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया कि वे महिलाएं जो सभी नियमों का पालन करती हैं वह ना सिर्फ अपने वजन पर ध्यान दे सकती हैं बल्कि बढ़ते वजन को घटा भी सकती हैं.


इस कार्यक्रम में 40-60 आयु वर्ष तक की महिलाओं ने भाग लिया. इनमें से अधिकांश महिलाओं ने सप्ताह में दो से ज्यादा दिन बाहर खाना खाने के बावजूद अपने वजन को 1-2 किलो तक कम किया. इतना ही नहीं कार्यक्रम की समाप्ति के बाद भी महिलाओं की दैनिक कैलोरी मात्रा में भी उल्लेखनीय कमी देखी गई जो इस बात को प्रमाणित करता है कि महिलाएं सीखे हुए नियमों का पालन पूरी निष्ठा से कर रही हैं.


यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह-शोधकर्ता गेयल टिमरमैन का कहना है कि जिन लोगों को काम या अन्य किसी कारण से अकसर बाहर खाना खाना पड़ता है वह अपने खाने और उससे जुड़ी कैलोरी की मात्रा को लेकर ज्यादा सचेत हो जाते हैं. वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि वे क्या और कितना खा रहे हैं.


इस कार्यक्रम में महिलाओं को एक्सरसाइज और खाने से पहले कैलोरी की मात्रा पर ध्यान देना सिखाया गया. जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को जब कभी भी बाहर खाना होता है तो वे पहले से ही निर्धारित कर लेती हैं कि उन्हें क्या खाना है. कार्यक्रम का सबसे दिलचस्प पहलू यह था कि महिलाओं को खाना देखकर या उसकी खुशबू से ही खुद को तृप्त करना सिखाया गया.


यह अध्ययन भले ही विदेशी पृष्ठभूमि को प्रदर्शित करता हो लेकिन भारतीय महिलाओं या पुरुषों दोनों के लिए ही यह बेहद फायदेमंद सिद्ध हो सकता है. इस अध्ययन की स्थापनाएं वजन पर नियंत्रण रखने को थोड़ा और सहज बना सकती हैं.


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