प्यार तो आप करते हैं लेकिन उसका इज़हार करने से डरते हैं. सोचते हैं क्या कहूं, कैसे कहूं. लव लैटर लिखना चाहते हैं– ई मेल करना चाहते हैं परन्तु लिखने के लिए शब्द नहीं हैं. मैसेज करना चाहते हैं परन्तु डरते हैं कि रिप्लाई आएगा कि नहीं. लेकिन दिक्कत तब बढ़ जाती है जब आप अपने दिल की बाद दिल में दबा के रह जाते हैं.
उड़ने दो अपने विचारों को,
बहने दो अपनी रचनाओं को,
हृदय के पट खोल, खिलने दो भावनाओं को.
अगर आपको लव लेटर या मैसेज लिखने में परेशानी आती है तो आपके लिए पेश हैं कुछ टिप्स जिनके द्वारा आप भी अपनी भावनाओं को दूसरों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं.
इन हस्तियों ने दूसरों के बच्चों को अपना बनाया
1- अपने लेख को ज़ोर से पढ़ें : ज़ोर से पढ़ना! क्या आपको यह हास्य लगता है? लेकिन क्यों? जोर से पढ़ने का मतलब अपने आप से बात करने से है. दिमागी सोच को शब्दों में बयां करना कठिन होता है अतः ऐसा करने से आप अपने वचनों में स्पष्टता ला सकते हैं.
2- मुख्य संदेश को तवज्जो दें : अधिकतर यह देखा गया है कि अच्छा लिखने की कौतूहल में हम अपने मुख्य विचारों से भटक जाते हैं. जिसकी वजह से हम आम तौर पर मुख्य संदेश से हटने लगते हैं. लेकिन मुख्य संदेश पर बल देने से अगला व्यक्ति आपके विचारों को आसानी से समझ सकता है.
3- आरंभ और समाप्त को मजबूत रखें : ऐसा करने से लोगों की जिज्ञासा बढ़ती है. लोग अपने आपको आप से जुड़ा हुआ समझते हैं.
शुरुआत में “तुमसे मिलने से पहले ……” और अंत में “तुमसे मिलने के बाद……” का आप प्रयोग कर सकते हैं.
4- अपने आपसे पूछें कि “क्या मेरे शब्द मेरी छवि व्यक्त करते हैं” : सबसे अच्छे विचारों की अभिव्यक्ति तब होती है जब उनकी उत्पत्ति सच्चे मन से हो. अर्थात अगर आप अपने आपसे ईमानदार होते हैं तो आपके विचार भी स्पष्ट होते हैं. ऐसे विचार अधिकतर आपकी छवि के परिचायक होते हैं.
Read: इस जासूस किलर से सावधानी जरूरी है
5- लिखने के बाद वर्तनी जाँच लें : वर्तनी जाँचने से अर्थ शब्दों को जाँचने से है. क्योंकि गलत शब्द अर्थ का अनर्थ कर देते हैं.
6- याद रखें “हंसी ऐसी करें जिससे आप बेवकूफ ना दिखें ”: जब भी आप कागज़ और कलम लेकर लिखने बैठते हैं तो आप जोखिम लेते हैं. कुछ भी लिखने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने लेख के द्वारा आप दूसरों की नज़र में बेवकूफ ना दिखें.
Read more:
Read Comments